Aligarh News: शिक्षा जगत में अपनी अलग छाप छोड़ने वाला अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय हमेशा सुर्खियों में रहता हैं क्योंकिअलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र हों या फिर प्रोफेसर हों हर रोज अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लिए नई- नई इबारत लिखते हैं.अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से शिक्षा हासिल करने वाले छात्र हर रोज विश्वविद्यालय का अलग-अलग क्षेत्र में नाम रोशन करते आ रहे हैं.
अब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लिए मिनिस्ट्री ऑफ़ एजुकेशन ने निर्देश जारी किया हैं. जो भी विदेशी छात्र विश्वविद्यालय एडमिशन लेना चाहते हैं. उनके दाखिले से पहले विदेश मंत्रालय से अप्रूवल लेना जरूरी है. मंत्रालय द्वारा वेरिफिकेशन किया जाएगा. विदेश मंत्रालय पहले अप्रूवल देगा उसके बाद ही अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के द्वार विदेशी छात्रों के लिए खोले जाएं. जिसको लेकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के द्वारा मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन के इस आदेश का स्वागत किया हैं.
AMU में कम हो रही विदेशी छात्रों की तदाद
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों की तादाद पहले काफी थी लेकिन अब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में विदेशी छात्र काफ़ी कम तादाद में पढ़ते हैं. साल 2013 में 36 देश से ज्यादा देश के विद्यार्थी इस अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पढ़ते थे लेकिन बीते कुछ सालों में 21 से अधिक देशों के छात्रों ने विश्वविद्यालय से दूरी बना ली है. इसके बाद प्रत्येक वर्ष अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों की संख्या घटती चली जा रही है.
एडमिशन से पहले अप्रूवल जरूरी
विदेशी छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय द्वारा राउंड द ईयर न्यू एजुकेशन पॉलिसी को भी लाया गया. इस पॉलिसी के अनुसार विदेशी छात्र विश्वविद्यालय में कभी भी एडमिशन के लिए आवेदन कर सकते हैं. लेकिन फिर भी विदेशी छात्रों की कोई भड़ोत्तरी यहां नहीं देखी गई, लेकिन अब मौजूदा सरकार द्वारा नया नियम आने के बाद यह तो साफ है कि अब विश्वविद्यालय में वहीं विदेशी छात्रों को दाखिला मिल सकेगा. जिनका रिकॉर्ड एकदम साफ होगा. यानि कि सीधे तौर पर अगर आपको अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दाखिला चाहिए तो पहले अप्रूवल लेना पड़ेगा.
AMU प्रशासन ने सरकार के फैसले का किया स्वागत
एएमयू प्रशासन के इंटरनेशनल स्टूडेंट सेल, एडवाइजर एस.अली नवाज जेदी बताते हैं कि पहले हमारे यहां जो विदेशी छात्र दाखिला लेने के लिए आते थे. उनको सरकार से कोई क्लीयरेंस लेने की जरूरत नहीं होती थी, लेकिन अब मिनिस्ट्री आफ एक्सटर्नल अफेयर्स से एक पत्र विश्वविद्यालय को आया है. जिसमें कहा गया है कि जितने भी विदेशी छात्र विश्वविद्यालय में दाखिला लेना चाहते हैं या रिसर्च के लिए विश्वविद्यालय में आना चाहते हैं. उनकी जानकारी और रिसर्च प्रपोजल को मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स को भेजना होगा.
इसके बाद मिनिस्ट्री द्वारा क्लीयरेंस मिलने के बाद आप दाखिला दे सकते हैं. जब तक मिनिस्ट्री द्वारा क्लीयरेंस नहीं दी जाती तब तक विदेशी छात्र या छात्रा का एडमिशन कंप्लीट नहीं होगा. साथ ही इस अप्रूवल से साफ तौर पर ये साफ हो जायेगा विश्वविद्यालय में आने वाला छात्र बेदाग है, या नहीं जो कि बहुत सारी चीजों के लिए काफी बेहतर साबित होगा, कहीं ना कहीं ये निर्णय समाज हित के लिए भी काफी लाभदायक बनेगा.
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