Aligarh News Today: संभल हिंसा को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के छात्रों में काफी नाराजगी है. इसी कड़ी में एएमयू के छात्रों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है. इस ज्ञापन के जरिये छात्रों ने आरोप लगाया है कि देश में लंबे समय से अराजकता का माहौल पैदा किया जा रहा है और देश के कानून को भी कुचला जा है. 


छात्रों ने ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से मांग की है कि संभल हिंसा के आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए. अगर इन आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो देश में अशांति पैदा हो सकती है. एएमयू के छात्रों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंप तत्काल पूरे मामले में कार्रवाई करने की मांग की है, जिससे देश में शांति का माहौल पैदा हो सके. 
 
'देश में फैलाई जा रही अशांति'
छात्रों का कहना है कि देश के संविधान में पुरानी इमारतों को सहेज कर रखने का कानून बनाया गया है, लेकिन मौजूदा हालातों में ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला है. हर रोज तरह- तरह के दावे सामने आ रहे हैं. छात्रों के मुताबिक, कुछ लोगों के जरिये देश में सुनियोजित तरीके से अशांति फैलाने की साजिश की जा रही है. छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट से पूरे मामले में संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने की मांग की गई है. 


पुलिस पर गंभीर आरोप
छात्र नेता नावेद चौधरी ने बताया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने शांतिपूर्ण तरीक से मार्च निकाला और उसके बाद प्रॉक्टर वसीम अली को ज्ञापन सौंपा. नावेद चौधरी ने बताया कि राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन के जरिये संभल हिंसा के आरोपियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की गई है और हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को इंसाफ देने की मांग की गई है. 


छात्रों ने आरोप लगाया कि जिस तरह संभल में पुलिस के जरिये एकतरफा कार्रवाई की गई है, वह संविधान के खिलाफ है. छात्रों ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है. एएमयू छात्रों का कहना है कि आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई से देश भर में न्याय की नई मिसाल कायम होगी और मारे गए लोगों के परिजनों में न्याय के प्रति भरोसा बढ़ेगा. 


'ज्ञापन भेजा जाएगा आगे'
पूरे मामले में एएमयू के प्रॉक्टर वसीम अली ने जानकारी देते हुए बताया कि संभल की घटना को लेकर छात्रों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने बताया कि ज्ञापन को प्राप्त कर लिया गया है और इसे उचित माध्यम से आगे भेजा जाएगा. प्रॉक्टर वसीम अली के मुताबिक, छात्रा ने शांतिपूर्ण मार्च निकाला था, उनसे ज्ञापन लेने के बाद वापस हॉस्टल भेज दिया गया है.

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