अलीगढ़. हाथरस में दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप मामले में एफएसएल रिपोर्ट पर सवाल उठाने वाले अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में तैनात डॉक्टर अजीम मलिक को नौकरी से बर्खास्त किया गया है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर तारिक मंसूर ने अजीम के अलावा डॉ ओबैद को भी नौकरी से निकाल दिया है. दोनों ही डॉक्टर जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात थे.
बतादें कि यह कार्यवाही तब हुई है जब मंगलवार को कैंपस के अंदर मेडिकल कॉलेज में सीबीआई की टीम छानबीन करने पहुंची थी. सीबीआई की टीम हाथरस केस की छानबीन कर रही है. अचानक दोनों डॉक्टरों को हटाए जाने से अटकलें लगाई जा रही है.
एएमयू ने बताई वजह
एएमयू प्रशासन ने पत्र में इन दोनों को हटाए जाने का कारण छुट्टी पर गए सीएमओ का वापस आना बताया है. एएमयू प्रशासन ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में तैनात इमरजेंसी में तैनात दो कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर लीव पर चले गए थे, जिनकी जगह दो डॉक्टरों डॉक्टरों अजीम और ओबैद को रखा गया था. क्योंकि अब दोनों डॉक्टर वापस आ गए हैं जिसके बाद इन दोनों को उनके पद से हटा दिया है.
हाथरस केस की पीड़िता का किया था इलाज
ये दोनों डॉक्टर हाथरस केस में पीड़ित लड़की के इलाज में भी शामिल थे. और ये कार्यवाही तब हुई जब एक दिन पहले सीबीआई की टीम मेडिकल जांच के लिए पहुंची.
क्या बोले डॉ. अजीम मलिक?
वहीं अपने पद से हटाए गए डॉ. अजीम मलिक ने कहा कि हमें कॉलेज में ड्यूटी करने के लिए बुलाया गया था क्योंकि हमारे अन्य कई सीएमओ को कोविड-19 के दौरान लीव पर जाना पड़ा था. उन्होंने कहा कि बीच में हाथरस वाला भी मामला आया था. मीडिया में हमारे स्टेटमेंट भी आए. आज हमारे पास एक लेटर आया है जिसमें हमें हटाने के लिए कहा गया है. चिट्ठी में हमें हटाने के लिए उसमें कोई कारण नहीं बताया गया है.
उन्होंने कहा कि हाथरस मामले में एफएसएल रिपोर्ट को लेकर हमारे पास किसी की कॉल आई थी. उन्होंने हमसे एफएसएल रिपोर्ट पर जो पूछा हमने उनको जवाब दिया था.
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