लखनऊ, एबीपी गंगा। अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (AKTU) में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने एनीमिया के खिलाफ जंग के अभियान 'जान है तो जहान है' को शुरू किया। ये अभियान एकेटीयू और किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) ने संयुक्त रूप से शुरू किया है। इस मौके पर एकेटीयू ने आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस पर आधारित चैट बॉट नाम की सुविधा को लांच किया। इसके अलावा विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस में नयी लैब, डाकघर, बैंक, जनसुविधा केंद्र के भवन का लोकार्पण हुआ। इस मौके पर एकेटीयू और गुजरात टेक्निकल यूनिवर्सिटी के बीच एमओयू भी साइन हुआ। कार्यक्रम में केजीएमयू के कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट भी मौजूद रहे।


कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सभी लड़कियों का एनेमिया टेस्ट करवाने को कहा। उन्होंने बताया कि कानपुर विवि में 200 लड़कियों का टेस्ट हुआ तो 51 फीसदी एनेमिक निकली। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षण संस्थान लड़कियों को करीब के अस्पताल ले जाएं और दिखाएं कि कैसे वहां नवजात आईसीयू में हैं। एनीमिक मां की वजह से उनका वजन कम होने से ये हालत हो जाती। महाराष्ट्र में 85 फीसदी, आंध्र प्रदेश में 77 फीसदी, तमिलनाडु में 58 फीसदी, यूपी में 56 फीसदी बेटियां एनीमिक हैं। हर साल 6 हज़ार बेटियां अपनी जान गंवाती हैं, लाखों बच्चे मर जाते हैं। राज्यपाल ने कहा माध्यमिक के स्कूलों में हर साल लड़कियों का हेल्थ टेस्ट होना चाहिए। यूपी में 10 हज़ार कॉलेज, हर कॉलेज एक गांव गोद ले ले और वहां जाकर बाल विवाह बंद करवाने का संदेश दे। राज्यपाल ने कहा हर शिक्षण संस्थान में गर्भावस्था के पहले महीने से 9वें महीने तक बच्चे के डेवलपमेंट के पोस्टर लगवाएं।


एकेटीयू के कुलपति प्रो. विनय पाठक ने बताया कि विश्वविद्यालय के तैयार किये गये एप की मदद से एनीमिया ग्रसित लोगों का डेटा इकठ्ठा होगा। फिर केजीएमयू के डॉक्टर्स की टीम इस डेटा का एनालिसिस करेगी। एकेटीयू से सम्बद्ध कॉलेजों के साथ ही अब अन्य शिक्षण संस्थानों का डेटा इकठ्ठा करने की भी योजना है। इसका इस्तेमाल एनीमिया का खात्मा करने के लिए योजना बनाने में होगा। कुलपति प्रो. विनय ने बताया की चैट बॉट एक सुविधा है जिसका फायदा ढाई लाख से अधिक छात्र छात्राओं को मिलेगा। छात्र छात्राएं कभी भी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर अपनी किसी भी सवाल का जवाब पा सकेंगे।


प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी वरुण ने कहा कि बच्चियों को पढ़ाने की जगह कम उम्र में विवाह के बंधन में बांध देंगे तो एनीमिया जैसी समस्या होगी। लखनऊ के आसपास के क्षेत्र में चले जाएं तो बाल विवाह हो रहा, 15-16 साल में मां बन रही। मंत्री ने कहा कि वो एक शादी में गयी तो देखा 12 साल में बच्ची की शादी हो रही थी। परिजनों को समझने की कोशिश की लेकिन बारात दरवाजे पर थी कुछ न हो सका। मंत्री के सामने ही बाल विवाह हो गया। आज लड़कियों को पौष्टिक नहीं फास्टफूड चाहिए। लेकिन लड़कियों को समझना होगा की शरीर स्वस्थ होगा तभी सुन्दर दिखेंगी।