Uttarakhand News: ऋषिकेश (Rishikesh) में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी (Ankita Bhandari) की हत्या के बाद मुख्य आरोपी पुलकित आर्य (Pulkit Arya) के रिजॉर्ट को ढहा दिया गया. पुलिस की इस कार्रवाई पर अब सवाल उठ रहे हैं और यह आरोप लगाए जा रहे हैं कि साक्ष्यों को मिटाने के लिए ऐसा किया गया. वहीं जांच कर रहे पुलिस अधिकारी का कहना है कि रिजॉर्ट ढहाने से पहले साक्ष्य जुटा लिए गए थे और जिस कमरे में अंकिता रहती थी, उसकी वीडियोग्राफी भी की गई थी. 


सोशल मीडिया पर जारी किया गया वीडियो


राज्य के डीजीपी अशोक कुमार ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा था कि साक्ष्य के साथ किसी तरह का छेड़छाड़ नहीं किया गया है. वहीं उन्होंने फेसबुक पर 38 सेकेंड का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि सभी साक्ष्य सुरक्षित हैं और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा. इस वीडियो में कोटद्वार के अपर पुलिस अधीक्षक यह कहते हुए सुने जा रहे हैं कि रिजॉर्ट से साक्ष्य मिटाने की अफवाह झूठी है. बता दें कि अपर पुलिस अधीक्षक शेखर सुयाल राज्य सरकार द्वारा मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी के सदस्य  हैं.



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शेखर सुयाल ने किया यह दावा


डीजीपी द्वारा जारी वीडियो में शेखर सुयाल ने कहा, 'जैसा कि ऐसी खबर चल रही है कि रिजॉर्ट में साक्ष्य मिटाए गए हैं. मैं सभी को सुनिश्चित करना चाहता हूं कि 22 सितंबर को ही हमारी टीम रिजॉर्ट गई थी और, जिस कमरे में बिटिया रहती थी, उसकी वीडियोग्राफी की थी. अगली सुबह ही फॉरेंसिंक टीम ने सारे इलेक्ट्रॉनिक, और साइंटिफिक साक्ष्य इकट्टे किए हैं, कोई भी साक्ष्य नष्ट नहीं हुआ है. हमारे पास पर्याप्त साक्ष्य हैं जिसके आधार पर हम अपराधियों को उनके अंतिम अंजाम तक पहुंचाएंगे.'  उल्लेखनीय है कि पुलकित की गिरफ्तारी के बाद लोगों ने मांग की थी कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर कार्रवाई करते हुए रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलाया जाए, वहीं अब रिजॉर्ट गिराए जाने पर आरोप लगाया जा रहा है कि ऐसा सबूत मिटाने के लिए आनन-फानन में किया गया है.


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