Ankita Bhandari Murder Case: उत्तराखंड (Uttarakhand) के ऋषिकेश (Rishikesh) में अंकिता भंडारी की हत्या (Ankita Bhandari Murder) का मामला गरमाता जा रहा है. साथ ही इस पर सियासत भी शुरू हो चुकी है. अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर अब उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस (Congress) नेता हरीश रावत (Harish Rawat) का बयान सामने आया है. हरीश रावत ने कहा कि अंकिता की बॉडी को ढूंढने में काफी दिन लगे और अब उस रिसॉर्ट को ध्वस्त कर साक्ष्य को छुपाने के काम किए जा रहा हैं. उन्होंने कहा कि अंकिता ने देह व्यापार में धकेले जाने का विरोध किया और खुद की जीवन लीला समाप्त कर दी.
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि हिमालय की गोद में बने ये रिसॉर्ट हमारी अंकिता जैसी बालिकाओं के लिए खतरा है. उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग की कि जो रिसॉर्ट बन रहे हैं, उनको यह देखने की जरूरत है कि वह हमारी संस्कृति के अनुसार बन रहे हैं या नहीं. इससे पहले हरीश रावत ने फेसबुक पर पोस्ट लिखते हुए कहा था, "मुझे भी प्रातः एक मित्र ने बताया कितना सही है, मैं पुष्टि करने की स्थिति में नहीं हूं. मुझे सूचना मिली है कि जघन्य अपराधी के रिसॉर्ट को ध्वस्त कर दिया गया है. उत्तराखंड को अपराध चिन्हित चर्चा में आए अपराध स्थल को ध्वस्त करने की नहीं, बल्कि तथाकथित रिसॉर्ट संस्कृति को थाईलैंड से ली गई है, उसको ध्वस्त करने की आवश्यकता है."
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हरीश रावत को पुरोहितों ने किया था इस बात के लिए सावधान
उन्होंने आगे लिखा, "कुछ समाचार पत्रों में अंकिता ने अपने दोस्तों को जो कुछ मैसेज दिए हैं, उससे एक बात स्पष्ट हो जाती है कि हरीश रावत यूं ही दूर-दूर गांव गांव में बन रहे अंधाधुंध रिसॉर्टों से क्षुब्ध है, जो कुछ ऋषिकेश में हुआ, वह मोहनरी में नहीं होगा या और मुख्यमंत्रियों के घर-गांव में नहीं होगा, इसकी क्या गारंटी है? हमको निवेश चाहिए, हमको पर्यटन भी चाहिए, मगर अपनी सांस्कृतिक, आध्यात्मिक पहचान और प्राकृतिक कीमत पर नहीं चाहिए. एक बार मैंने केदारनाथ और बद्रीनाथ के दिव्य स्थलों के आस-पास स्नो आध्यात्मिक टूरिज्म मतलब उन स्थलों में बर्फबारी के साथ लोग ध्यान लगाएं, उसकी चर्चा की. सौभाग्य था मेरा कि मैं अपने सहृद तीर्थ पुरोहित से भी इसकी चर्चा कर बैठा. उन्होंने मुझे सावधान किया. कहीं ऐसा न हो आपकी अच्छी भावना कल उत्तराखंड के लिए, एक गलत निर्णय करने से बचें."
'अंकिता में हम सब अपनी बेटी देख रहे हैं'
हरीश रावत ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, "मैं मुख्यमंत्री के गुस्से को समझ सकता हूं, क्योंकि अंकिता में हम सब अपनी बेटी देख रहे हैं. इस समय गुस्से में नहीं, ठंडे दिल से दोनों फ्रेंट्स पर कि अंधाधुंध रिसॉर्ट संस्कृति को कैसे विनियमित किया जाए, कैसे ऐसे मानक और नियामक खड़े किए जाएं, ताकि जो चाहे वह आकर के जमीन खरीदे और रिजॉर्ट बनाकर के वही खेल शुरू करें, जो ऋषिकेश में लोग शुरू कर चुके थे, जिसके लिए अंकिता को उसके विरोध करने पर अपने प्राण गंवाने पड़े. इस समय साक्ष्यों को बचाना है. मैं लोगों से भी प्रार्थना करना चाहूंगा कि गुस्से में रिजॉर्ट की मिट्टी भी नहीं उखाड़ दें, यदि साक्ष्य मिट गये तो फिर हमारी बेटी की हत्या करने वाले और उसके अपराधी बच न निकलें! कानून-कानून है, कोर्ट-कोर्ट है.