Uttarakhand News: अंकित भंडारी (Ankita Bhandari) हत्याकांड के विरोध में रुद्रप्रयाग (Ruraprayag) के सभी व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखकर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की. इसके साथ ही केदारनाथ यात्रा (Kedarnath Yatra) पड़ावों के व्यापारियों ने भी अपना पूरा समर्थन दिया. यहां गुप्तकाशी से लेकर केदारनाथ धाम तक बंद का असर देखने को मिला. यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव फाटा, सोनप्रयाग और गौरीकुंड में व्यापारियों ने जुलूस प्रदर्शन कर अंकिता के हत्यारों का पुतला दहन (Effigy Burnt) किया. इस दौरान तीर्थयात्रियों को खासी दिक्कतों का सामाना करना पड़ा, लेकिन अंकिता के साथ हुई घटना को सुनकर तीर्थ यात्रियों ने भी बंद को अपना समर्थन दिया.
केदारनाथ यात्रा पर देखने को मिला इसका असर
अंकिता हत्याकांड के विरोध में पूरे प्रदेश में सामाजिक संगठनों ने बंद का ऐलान किया था, जिसको लेकर रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय से लेकर केदारनाथ धाम तक बंद का असर देखने को मिला. केदारनाथ बेस कैंप के व्यापारी रोबिन सिंह ने कहा कि बंद के समर्थन में केदारनाथ यात्रा पड़ाव में सभी सेवाएं बंद की गई. यात्रा पड़ाव के बेस कैंप, लिनचोली सहित अन्य स्थानों में भी बंद को पूरा समर्थन दिया गया. सरकार से निवेदन है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए. केदारघाटी एसोसिएशन के सचिव नितिन जमलोकी ने कहा कि फाटा, सोनप्रयाग और गौरीकुंड बाजार ने बंद को अपना पूर्ण समर्थन देते हुए प्रतिष्ठानों को बंद रखा. हत्यारों का पुतला दहन करके सरकार को जगाने का प्रयास किया गया. उन्होंने कहा कि आज प्रदेश की जनता इंसाफ मांग रही है.
पानी की बोतल के लिए तरसे यात्री
नितिन ने कहा कि अंकिता के दोषियों को सत्ताधारी पार्टी का संरक्षण मिल रहा है, जिससे उनके हौंसले बुलंद हैं. उन्होंने कहा कि दोषियों को फांसी की सजा देनी चाहिए. यही अंकिता के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी. केदारनाथ व्यापार संघ अध्यक्ष चंडी प्रसाद ने कहा कि अंकिता के हत्यारों को जीवित रहने का कोई अधिकार नहीं है. उत्तराखंड का हर जनमानस आज आक्रोश में है. अंकिता भंडारी के हत्यारों को फांसी की ही सजा होनी चाहिए. वहीं अंकिता हत्याकांड के विरोध में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद होने से केदारनाथ यात्रा पड़ावों में तीर्थ यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. तीर्थ यात्रियों को पानी की बोतल तक नहीं मिल पा रही थी.
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