देहरादून , उत्तराखंड के चमोली जिले में आपदा के बाद अभी सब कुछ सामान्य नहीं हुआ है. गुरुवार को अचानक ऋषिगंगा नदी के जलस्तर बढ़ने के बाद एक्सपर्ट संभावना जता रहे हैं कि रैणी गांव के उपर एक और झील हो सकती है. हालांकि, साफ तौर पर इसके बारे में अभी नहीं कहा जा सकता  है. संभावना है कि यह पानी उसी झील से नदी में आया होगा. वैज्ञानिकों के अनुसार, संभव है कि रैणी गांव के उपर फिर से एक और झील बन गई है. इस दौरान ना तो उस क्षेत्र में बारिश हुई है और न ही हिमपात हुआ है.


सीएम ने कहा घबराएं नहीं


वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की तरफ से कहा गया कि झील (रैणी गांव के पास) की जो अभी स्थिति है उससे सवाधान रहने की जरूरत है, घबराने की जरूरत नहीं. झील लगभग 400 मीटर लंबी है गहराई का अभी अनुमान नहीं है. वहां वैज्ञानिकों की टीम जा रही है, वो वहां का अध्ययन कर सरकार को रिपोर्ट देगी. वहीं एसडीआरएफ ने कहा कि संभावना व्यक्त की जा रही है कि तपोवन के पास रैणी गांव के ऊपर पानी जमा हुआ है इसको देखते हुए SDRF की 8 टीम को वहां रवाना किया गया है और वो वहां देखेंगे कि वहां पर क्या स्थिति है तभी हम आगे की कार्रवाई को अंजाम दे सकेंगे .


 रैणी गांव के ऊपर झील होने की आशंका पर उत्तराखंड डीजीपी ने कहा, 'हमने एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम को रेकी के लिए भेजा है. हमें रैणी गांव के ऊपर झील बनने की सूचना मिली है.'





खोज अभियान में शामिल टीमों के लिए खतरा पैदा हो सकता है


वहीं भू वैज्ञानिकों ने आपदा प्रभावित रैणी गांव के पास झील के बारे में सावधानी बरतने के लिए कहा है. उनका कहना है कि वहां से पानी धीरे-धीरे बाहर निकल सकता है और बचाव और खोज अभियान में शामिल टीमों के लिए खतरा पैदा हो सकता है. सैटेलाइट पिक्चर्स ने भी वॉटर बॉडी के गठन की पुष्टि की है.


ड्रोन के जरिए कीचड़ के ऊपर बॉडीज को ढूंढने की कोशिश


बता दें कि तपोवन बैराज पर कई मजदूर काम कर रहे थे जो सैलाब में बह गए थे. ऐसी आशंका है कि बैराज की दीवारों के आसपास जो करीब 30 से 35 फ़ीट मिटटी भरी हुई है उसके अंदर कई मजदूरों की लाश फंसी है. उसी को लेकर प्रशासन अब ड्रोन की मदद से कीचड़ के ऊपर बॉडीज को ढूंढने की कोशिश कर रहा है. क्योंकि इस कीचड़ के अंदर फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं किया जा सकता है. क्योंकि जो भी इस मिट्टी पर उतरेगा वह खुद धंस्ता चला जाएगा.इसलिए फिलहाल अब एसडीआरएफ और दूसरी टीमों को बुलाकर ड्रोन की मदद से नीचे मिट्टी को बारीकी से देखा जा रहा है,जिससे अगर कोई बॉडी दलदल में फंसी है तो उसको बाहर निकाला जा सके.


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