Hamirpur News: हमीरपुर जिले में विकासखंड कार्यालय में तैनात लेखाकार को एंटी करप्शन टीम ने 20 हजार की रिश्वत लेते दबोच लिया. आरोप है कि, लेखाकार ने पूर्व ब्लाक प्रमुख को मानदेय देने के नाम पर उनके पुत्र से रिश्वत मांगी थी. टीम ने तह तक जाने के लिए मामले से जुड़ी फाइलों को बारी बारी से देखा. वहीं, खंड विकास अधिकारी व अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ की है.


मानदेय के लिए 20 हजार की रिश्वत


मामला सरीला ब्लाक का है, जहां पूर्व ब्लाक प्रमुख चंद्र कुमारी अपने एक साल के कार्यकाल का बाकी मानदेय के लिए परेशान थीं. जिसकी निकासी के लिए पूर्व ब्लाक प्रमुख से पुत्र मनीष से ब्लाक में तैनात लेखाकार 20 हजार रुपये बतौर सुविधा शुल्क लेने के बाद मानदेय देने पर राजी हुआ था. इससे पहले वह मानदेय दिलाने के लिए कई बार प्रार्थना पत्र दे चुके थे. उन्होंने बताया कि, जब वे परेशान हो गए तो यूटा के पदाधिकारियों के माध्यम से एंटी करप्शन टीम से संपर्क किया. आज मनीष लेखाकार को रिश्वत देने खंड विकास कार्यालय गए थे. उन्हें देखते ही लेखाकार ने अलग आकर 20 हजार जेब में रख लिए. वहीं, पहले से मौजूद एंटी करप्शन टीम ने उन्हें मौके से दबोच लिया.


आरोपी लेखाकर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज 


बताया कि, आरोपी लेखाकार को थाने ले जाने के बाद दोबारा ब्लाक परिसर में आकर मामले से संबंधित पत्रावली देखी. वहीं, बीडीओ रवि प्रताप चौधरी व अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई. कोतवाल राजेश कुमार वर्मा ने बताया कि, एंटी करप्शन झांसी टीम प्रभारी निरीक्षक सुरेंद्र सिंह की ओर से मिली तहरीर के आधार पर आरोपी लेखाकार पुत्तनलाल वर्मा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है. टीम उसे लेकर लखनऊ चली गई है.



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