Sultanpur Robbery Case: सुल्तानपुर डकैती मामले के दूसरे आरोपी को उन्नाव जिले में तड़के मुठभेड़ में मार गिराया था. अब अनुज प्रताप सिंह एनकाउंटर मामले में नया मोड़ सामने आया है, अनुज प्रताप सिंह एनकाउंटर मामले की जांच होगी. डीएम गौरांग राठी ने एनकाउंटर के मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं, DM ने सिटी मजिस्ट्रेट राजीव राज को जांच अधिकारी बनाया है और 15 दिन में एनकाउंटर मामले की मजिस्ट्रेटी जांच पूरी होगी. 


बता दें कि सुल्तानपुर डकैती के आरोपी अनुज प्रताप सिंह का उन्नाव में 23 सितंबर को एनकाउंटर हुआ था. सुल्तानपुर डकैती कांड के आरोपी और एक लाख रुपये के इनामी बदमाश अनुज प्रताप सिंह 23 सितंबर की रात यूपी एसटीएफ ने उन्नाव जिले के अचलगंज थाना क्षेत्र के कोलुहागाडा के पास हुई एक मुठभेड़ में मारा गया था. सुलतानपुर के पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा के मुताबिक अनुज प्रताप सिंह 28 अगस्त को सुलतानपुर के ठठेरी बाजार में भरत सोनी के यहां हुई डकैती को अंजाम देने वाले पांच बदमाशों की टीम में शामिल था.


अखिलेश यादव की इच्छा पूरी हो गई- अनुज के पिता


वहीं अधिकारियों के अनुसार, अनुज प्रताप सिंह का शव सोमवार रात उनके पैतृक गांव अमेठी जिले के जनापुर लाया गया और मंगलवार को उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया था. तनाव के बीच इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गयी थी और अंतिम संस्कार पास के एक बाग में हुआ, जहां उसके पिता धर्मराज सिंह ने उसे मुखाग्नि दी. वहीं बेटे के मुठभेड़ में मारे जाने से दुखी पिता ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा था, "अखिलेश यादव की इच्छा पूरी हो गई, एक ठाकुर का एनकाउंटर हो गया." 


अचलगंज में ट्रेस हुई थी लोकेशन 


सुल्तानपुर में सर्राफा व्यापारी की दुकान पर डकैती मामले के आरोपी मंगेश यादव और अनुज प्रताप सिंह को यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया है. यूपी पुलिस कई दिनों से उसकी तलाश में जुटी थी. हालांकि बाद में यूपी एसटीएफ ने उन्नाव के अचलगंज में उसकी लोकेशन ट्रेस कर उसे एनकाउंटर में ढेर कर दिया.


(पीटीआई भाषा इनपुट के साथ)


Pilibhit Tiger Reserve: पीलीभीत में 10 लोगों को अपना शिकार बना चुका बाघ, तेज आवाज का नहीं हो रहा असर