Anupriya Patel on Caste Censes: लोकसभा में इन दिनों जातीय जनगणना का मुद्दा छाया हुआ है. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से लेकर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव तक इस मुद्दे पर जमकर सरकार को घेर रहे हैं. वहीं इस मुद्दे पर अब एनडीए की सहयोगी और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल भी विपक्षी दलों के साथ खड़ी दिखाई दे रही हैं. उन्होंने जातीय जनगणना का खुलकर समर्थन किया है.
न्यूज एजेंसी एएनआई के पॉडकास्ट में बात करते हुए अनुप्रिया पटेल ने जातीय जनगणना का समर्थन किया और कहा कि हमारे पास इसका आधिकारिक आंकड़ा होना चाहिए कि जाति की कितनी संख्या हैं. हालाँकि इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी पर भी निशाना साधा और कहा कि सपा आज इस मुद्दे पर बात कर ही है लेकिन जब उनकी सरकार थी तो उन्होंने जातीय गणना क्यों नहीं कराई.
जातीय जनगणना पर विपक्ष के साथ
अनुप्रिया पटेल ने कहा- 'समाजवादी पार्टी चार बार सत्ता में रही, तीन बार मुलायम सिंह यादव सीएम बने और एक बार अखिलेश यादव की सरकार रही. क्या कभी उन्होंने जाति जनगणना की बात की. लेकिन अब जब वो सत्ता में नहीं तो इसकी बात कर रहे हैं. जब आप एक के बाद एक चुनाव हार रहे है तो आप इस मुद्दे को उठा रहे हैं. नीतीश कुमार जाति गणना करना चाहते थे उन्होंने कराई. तो आपने (समाजवादी पार्टी) क्यों नहीं कराई?'
उन्होंने कहा कि हम जातीय जनगणना का सपोर्ट करते हैं. क्योंकि हम मानते है कि भारतीय समाज सालों से कई जातियों में विभाजित रहा है. ये जरूरी है कि हमारे पास सभी जातियों की संख्या का अधिकारिक आंकड़ा हो और देश में सभी समुदायों का न्यायिक व्यवस्था से लेकर नौकरशाही और विभागों में हिस्सेदारी हो. सरकार की योजनाओं का सभी को लाभ मिले. जातिगत भेदभाव, जाति विभाजन ये असल में है.
अनुप्रिया पटेल ने इस दौरान योगी सरकार को लिखी चिट्ठी पर भी बात की और 69 हजार शिक्षकों की भर्ती में मामले में अभ्यार्थी दो सालों तक विरोध करते रहे लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई. अगर कुछ सही नहीं हो रहा है तो सरकार का ये दायित्व हैं कि वो इस पर बात करे. मैं अपने लोगों के लिए खड़ी हुई. अगर सब ठीक नहीं चलेगा तो मुझे अपनी आवाज उठानी होगी.
गंभीरता से ध्यान नहीं दिया... अनुप्रिया पटेल ने बताया क्यों लिखनी पड़ी सीएम योगी को चिट्ठी