Caste Census: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) से पहले जातिगत जनगणना का मुद्दा हावी होते जा रहा है. पहले समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बिहार की तर्ज पर यूपी में जातिगत जनगणना कराने की मांग कर रहे हैं. लेकिन दूसरी तरफ अब उन्हें ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) के बाद बीजेपी (BJP) के सहयोगियों का साथ भी मिलने लगा है.
दरअसल, जातिगत जनगणना पर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल से सवाल किया गया तो उन्होंने समर्थन करते हुए कहा, "सरकार की योजनाएं कितनों के पास पहुंच रही है, कितनों के पास पहुंचना अभी बाकी है. इस पूरी प्लानिंग को बनाने के लिए सरकार के पास आधिकारिक आंकड़े होने चाहिए." ये बयान उन्होंने एक निजी चैनल के साथ बातचीत के दौरान दिया है. हालांकि ये पहला मौका नहीं है जब इस मुद्दे पर अखिलेश यादव को विरोधियों का साथ मिला है.
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डिप्टी सीएम का समर्थन
इससे पहले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी कई मौकों पर जातिगत जनगणना की मांग का समर्थन कर चुके हैं. तब उन्होंने कहा था, "मैं इसके लिए पूरी तरह तैयार हूं. न तो मैं और न ही मेरी पार्टी इस विषय पर विपक्ष में हैं." हालांकि इससे पहले यूपी के बीते विधानसभा सत्र के दौरान जातिगत जनगणना की मांग को लेकर विपक्ष ने जबरदस्त हंगामा किया था. तब शिवपाल यादव के नेतृत्व में सपा विधायकों ने विधानसभा परिसर में धरना भी दिया था.
हालांकि इससे पहले सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर भी जातिगत जनगणना कराने की मांग करते रहे हैं. हालाकि उन्होंने इसके साथ ही समाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को लागू करने की भी मांग दोहराई थी. बता दें कि बिहार में जातिगत जनगणना हो रही थी. लेकिन बीते दिनों कोर्ट ने उसपर रोक लगा दी है. बिहार में इस जनगणना के शुरू होने के बाद अखिलेश यादव यूपी में भी इसे कराने की लगातार मांग करते रहे हैं.