UP News: ‘संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर लोकसभा में दो दिवसीय चर्चा में हिस्सा लेने के दौरान केंद्रीय मंत्री और अपना दल की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल का बयान काफी चर्चा में है. जब अनुप्रिया पटेल संसद में बोल रहीं थी तो इस दौरान उन्होंने जातीय जनगणना के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को जमकर घेरने की कोशिश की. लेकिन इसे बीजेपी सरकार के लिए संदेश के तौर पर देखा गया.
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा, 'जब कांग्रेस पार्टी के लोग और समाजवादी पार्टी के लोग जातीय जनगणना का मुद्दा उठाते हैं तो मुझे बहुत आश्चर्य होता है. हमारे गठबंधन का अहम घटक दल जेडीयू है. अपनी सरकार में उनकी नियत साफ थी उन्होंने अपने समय में जनगणना करा दी. लेकिन सपा के लोग यहां बैठे हुए हैं उन्होंने तो चार-चार बार यूपी में सत्ता संभाली. अगर आप जातीय जनगणना के इतने बड़े पक्षधर हैं तो यूपी में क्यों नहीं कराई.'
कांग्रेस को दिखाया आइना
उन्होंने कहा कि मैं सपा के अपने मित्रों से कहना चाहती हूं कि छल, कपट और फरेब की राजनीति ज्यादा लंबी नहीं होती है. ये सच है कि जब सरकार के पास आंकड़े होंगे तो हासिए पर पड़ी जातियों को मुख्य धारा में लाने में आसानी होगी. कांग्रेस पार्टी की भी सरकार थी और आप यूपीए के सहयोगी थे. आपने तो पांच दशक तक इस देश में राज किया लेकिन आपको आज जातीय जनगणना की याद आ रही है. जब आपके हाथों में सत्ता थी तो आपको इसका ख्याल कभी नहीं आया था.
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अनुप्रिया पटेल ने कहा कि जब आप कर सकते थे तब आपने नहीं किया. यही आपका दोहरा चरित्र है. हालांकि जब अनुप्रिया पटेल ये बोल रही थीं उस वक्त अखिलेश यादव उन्हें कुछ इशारों में कहते हुए नजर आए. उन्होंने इशारों में ही कहा कि आप अपनी सहयोगी पार्टी के कहिए. गौरतलब है कि कांग्रेस और सपा लगातार जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं. इस बीच अनुप्रिया पटेल के इस बयान को सरकार के लिए भी संदेश के तौर पर देखा जा रहा है. अपना दल भी यूपी में जातीय जनगणना की मांग कर रही है.