मैनपुरी: भोगांव स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय की 11वीं कक्षा की छात्रा का साल 2019 में विद्यालय के ही एक कमरे में फांसी के फंदे पर झूलता शव मिला था. छात्रा का नाम अनुष्का था जिसे आनन-फानन में जिला चिकित्सालय ले जाया गया जहां उसके शव का पोस्टमार्टम कराया गया. पोस्टमार्टम में चिकित्सकों ने भी फेरबदल करते हुए हत्या को आत्महत्या दर्शा दिया गया था. परिजनों ने दोबारा पैनल द्वारा मेडिकल कराया जिसमें हत्या की पुष्टि हुई थी. इस संबंध में पुलिस ने 5 अभियुक्तों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी.


इस संबंध में पिछले 2 साल से जांच चल रही थी. पुलिस की शिथिलता के चलते अनुष्का हत्याकांड की फांस बना हुआ था. इस संबंध में अभी तक कोई भी अपराधी हिरासत में नहीं लिया गया था. आरोप है कि पुलिस प्रशासन परिजनों पर ही दबाव बनाए हुए थे. आरोप यहां तक है कि इस मामले में किसी राजनेता का रिश्तेदार या परिचित का हाथ है जिसके चलते जिले की पुलिस हस्तक्षेप नहीं कर रही थी.


तत्कालीन एएसपी, क्षेत्राधिकारी समेत थानाध्यक्ष निलंबित


अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. 2 साल बाद हाईकर्ट ने मामले को संज्ञान में लिया और तत्कालीन एसपीअजय शंकर राय डीएम प्रदीप कुमार उपाध्याय अपर पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश सिंह सीओ प्रियांक जैन और थानाध्यक्ष पहुप सिंह के अलावा आईजी मोहित अग्रवाल को तलब किया. जहां उन पर जमकर कोर्ट ने फटकार लगाई इस संबंध में तत्कालीन एएसपी ओमप्रकाश सिंह क्षेत्राधिकारी प्रियंक जैन एवं थानाध्यक्ष पहुप सिंह निलंबित कर दिया.


अब मेरी बेटी को न्याय मिलेगा- मृतका के पिता


एबीपी टीम मृतक अनुष्का के परिजनों से मिली जहां कोर्ट के द्वारा दिए गए फैसले को लेकर बातचीत की तो उन्होंने कोर्ट पर पूरा भरोसा जताते हुए कहा कि अब उन्हें न्याय की उम्मीद जागी है. मृतका के पिता ने कहा कि, "अब मेरी बेटी को न्याय मिलेगा."


आबकारी मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री ने कहा कि, "अनुष्का हमारी बेटी है. कोर्ट के मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करें उसे न्याय मिलना चाहिए और कोर्ट ने की कार्रवाई का सम्मान करते हैं."


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