Anupriya Patel On Caste Census: लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां रणनीति बनाने में जुटी हुई हैं. हर कोई अपने-अपने दांव चल रहा है. हर पार्टी अपने कोर वोटर को लुभाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. इसी कड़ी में सत्तारूढ़ बीजेपी का प्रमुख सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) अगले महीने अयोध्या में अपने स्थापना दिवस कार्यक्रम में जाति आधारित जनगणना की मांग तेज करने वाला है.
कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल भी यही मांग उठाते आ रहे हैं. बिहार के जातिगत सर्वे के आंकड़े जारी होने के बाद इस मांग ने और तेजी पकड़ी है. ऐसे में अब अपना दल (एस) के भी जाति आधारित जनगणना की मांग तेज करने से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. पार्टी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने हाल ही में उत्तर प्रदेश में एक कार्यक्रम में अपने पिता और पार्टी के संस्थापक सोनेलाल पटेल की जनसंख्या के प्रतिशत के आधार पर संसाधनों का विभाजन करने की इच्छा का हवाला देते हुए भी जाति आधारित जनगणना की वकालत की थी.
इन मुद्दों को उठाने वाली हैं अनुप्रिया पटेल
अपना दल (एस) अपने संस्थापक सोनेलाल पटेल की इच्छा के अनुरूप, अपनी स्थापना के बाद से ही जाति-आधारित जनगणना की मांग कर रहा है. अपना दल (सोनेलाल) अपनी आगामी रैली में इन मुद्दों को उठाने वाली है. अंग्रेजी न्यूज़ पेपर टीओआई के अनुसार, अपना दल के सूत्रों ने कहा कि पार्टी अपने 29वें स्थापना दिवस के अवसर पर 4 नवंबर को एक मेगा रैली आयोजित करने पर काम कर रही है. जहां वह अपने सभी वैचारिक मुद्दों पर बात करेगी. खासकर उन मुद्दों पर जो पिछड़ों और दलितों के लिए मायने रखते हैं क्योंकि वे पार्टी के मूल मुद्दे हैं.
अपना दल बढ़ाएगा बीजेपी की मुश्किलें?
पार्टी सूत्रों ने कहा कि पार्टी रैली में जाति आधारित जनगणना की मांग भी उठाएगी. क्योंकि वह हमेशा जनसंख्या के आधार पर संसाधनों के विभाजन की समर्थक रही है. अपना दल (सोनेलाल) पूर्वी यूपी में कुर्मियों के बीच आधार वाली पार्टी है और मुख्य रूप से इस समुदाय और ओबीसी के अन्य वर्गों से अपना समर्थन प्राप्त करती है. अपना दल (एस) ऐसे समय में जाति आधारित जनगणना की वकालत कर रही है जब कांग्रेस हिंदी पट्टी में ओबीसी राजनीति में पैठ बनाने के लिए खुलकर उसके समर्थन में आई है.
पार्टी अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ओबीसी क्रीमी लेयर के लिए आय सीमा में वृद्धि की मांग भी करेंगी. पटेल जाति से कुर्मी और स्वयं एक ओबीसी हैं, वे मांग कर रही हैं कि ओबीसी क्रीमी लेयर के लिए आय सीमा को बढ़ाकर 15 लाख रुपये प्रति वर्ष की जानी चाहिए. मोदी सरकार के दौरान इसे 6 लाख से बढ़ाकर 8 रुपये लाख कर दिया गया.
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