UP Politics: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी दल अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री और मीरजापुर से लोकसभा सांसद अनुप्रिया पटेल ने एक बार फिर योगी सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. अपना दल (एस) की लखनऊ में आयोजित प्रांतीय मासिक बैठक में अनुप्रिया पटेल ने एक बार फिर आरक्षण का मुद्दा उठाया और इस पर राज्य सरकार द्वारा की जा रही आउटसोर्सिंग से नियुक्तियों को कैंसर करार दिया. 


अनुप्रिया ने कहा कि हमारी सरकार ने कैंसर की तीन दवाईयों के दाम घटा दिए. कैंसर की बीमारी बड़ी खतरनाक और गंभीर है. उससे भी ज्यादा बड़ी गंभीर बीमारी बन चुकी है आउटसोर्सिंग. उन्होंने दावा किया कि इस प्रक्रिया में आरक्षण की प्रक्रिया का पालन नहीं हो रहा है और यह अपना दल के लिए गंभीर विषय है.


मीरजापुर सांसद ने कहा कि सरकार के पास भर्तियों के पास क्या विकल्प होते हैं? सरकार नियमित भर्ती करे और संविदा भर्ती करे. नियमित और संविदा भर्ती में वंचित वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान है लेकिन आउटसोर्सिंग के माध्यम से जो चतुर्थ श्रेणी की भर्तियां जो की जा रही हैं उसमें सबसे ज्यादा दबे कुचले वर्ग की भागीदारी होनी चाहिए.


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उठाया जातीय जनगणना का मुद्दा
अपना दल नेता ने कहा कि छोटी मोटी नौकरी पाने की गुंजाइश जो वंचित वर्गों के पास हुआ करती थी, अब वह उससे भी वंचित हो गए. यह भर्तियां एजेंसियां और ठेकेदार कर रहे हैं. ये अपना दल की गंभीर चिंता है और हमारी पार्टी लगातार इस बात को कह रही है कि आउटसोर्सिंग में भी वंचित वर्गों के आरक्षण का नियम पालन होना चाहिए.


सांसद ने कहा कि आउटसोर्सिंग से वंचित वर्गों का नुकसान हो रहा है. उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि इस मुद्दे को जमीन पर उठाइए और संघर्ष करिए. इसके अलावा सांसद ने जातीय जनगणना पर भी बात की. उन्होंने कहा कि यह जरूरी है. क्या हमें सही संख्या, सही गिनती नहीं मालूम होनी चाहिए. यह केवल जातीय जनगणना से ही संभव है. अगर किसी दबे कुचले वर्ग को समाज में उचित सम्मान देना है तो हमें जातीय जनगणना करानी ही होगी.