उत्तराखंड डाक विभाग में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति, चार लोगों की जॉइनिंग निरस्त
Pauri News: ग्रामीण डाक सेवक पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया के बाद पौड़ी डाक विभाग को 165 नए डाक सेवक मिले हैं. नियुक्ति के बाद जांच में पाया गया कि दो डाक सेवकों के शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी हैं.
Uttarakhand News: उत्तराखंड में ग्रामीण डाक सेवक पदों पर हाल ही में हुई नियुक्ति प्रक्रिया के बाद पौड़ी डाक विभाग को 165 नए डाक सेवक मिले हैं, जिनमें से 77 नवनियुक्त डाक सेवकों ने पौड़ी मुख्यालय में अपनी आमद दर्ज कराई. हालांकि, नियुक्ति के बाद दस्तावेजों की जांच के दौरान, विभाग को कई अनियमितताएं देखने को मिली. जांच में पाया गया कि दो डाक सेवकों के शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी हैं, जबकि दो अन्य डाक सेवक बिना ज्वाइनिंग किए ही दस्तावेजों की जांच की बात सुनकर भाग खड़े हुए. डाक विभाग ने चारों डाक सेवकों की नियुक्ति को निरस्त कर दिया है
पौड़ी डाक विभाग में पदभार ग्रहण करने आए नवनियुक्त डाक सेवकों में से कई हिंदी ठीक से लिखने में भी असमर्थ पाए गए. जांच के दौरान, दो डाक सेवकों के शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी पाए गए. ये दोनों डाक सेवक उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के रहने वाले हैं. वहीं, मध्य प्रदेश के रहने वाले दो अन्य डाक सेवक भी दस्तावेज जांच की प्रक्रिया सुनकर भाग खड़े हुए और उन्होंने ज्वाइनिंग नहीं दी.
जांच के बाद निरस्त की गई नियुक्ति
फर्जी दस्तावेजों वाले मामले में अनिल कुमार उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के बमनोला, चांदपुर का रहने वाला है. उसने दावा किया था कि उसने वर्ष 2014 में यूपी बोर्ड से 97 फीसदी अंकों के साथ 10वीं की परीक्षा पास की है. इसी अंकपत्र के आधार पर उसका चयन डाक सेवक के रूप में हुआ. जांच में पता चला कि जिस रोल नंबर से अनिल का अंकपत्र था, वह असल में किसी अन्य छात्र का था, जो उस वर्ष बोर्ड परीक्षा में फेल हो गया था. जबकि दोनों छात्रों का नाम एक ही था, उनके माता-पिता के नाम और जन्मतिथि में अंतर पाया गया. इस फर्जी दस्तावेज के आधार पर अनिल की नियुक्ति को तत्काल निरस्त कर दिया गया.
अंकुर यादव, उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के हुसैनपुर खासा, बसंतपुर का निवासी है. उसने वर्ष 2013 में 97 प्रतिशत अंकों के साथ 10वीं की परीक्षा पास करने का दावा किया था. इसी आधार पर उसका चयन डाक सेवक पद पर हुआ और उसे पौड़ी डाक विभाग में नियुक्ति मिली. लेकिन दस्तावेजों की जांच में पता चला कि जिस अंकपत्र के आधार पर अंकुर का चयन हुआ था, वह असल में एक महिला का था, जो बोर्ड परीक्षा में असफल रही थी. इस गड़बड़ी के चलते अंकुर यादव की नियुक्ति भी निरस्त कर दी गई.
दो अन्य डाक सेवक, जो मध्य प्रदेश के धोबीसारा कुरई और मसाण गांव के निवासी थे, इन्होंने भी पौड़ी डाक विभाग में ज्वाइनिंग के लिए दस्तावेज प्रस्तुत किए थे लेकिन जैसे ही उन्हें शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच की सूचना मिली, वे बिना ज्वाइनिंग दिए वहां से भाग गए. विभागीय अधिकारियों ने इनकी नियुक्ति भी तुरंत प्रभाव से निरस्त कर दी है.
कार्रवाई पर क्या बोलें डाक अधीक्षक
पौड़ी डाक विभाग के डाक अधीक्षक दीपक शर्मा ने बताया कि विभाग द्वारा 32 चयनित कार्मिकों का विवरण उच्च अधिकारियों को भेजा गया है. विभागीय जांच में, 32 बाहरी राज्यों के कार्मिकों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है. जुलाई 2023 में पौड़ी डाक विभाग को 98 नए डाक सेवक मिले थे, जिनमें से कई उत्तर प्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के रहने वाले थे. इनके दस्तावेजों की जांच का काम अभी जारी है.
डाक अधीक्षक दीपक शर्मा ने यह भी बताया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चयनित डाक सेवकों की नियुक्ति को निरस्त कर दिया गया है. विभाग अब पूरी सावधानी के साथ शेष नियुक्तियों की जांच कर रहा है ताकि इस प्रकार की गड़बड़ियों की पुनरावृत्ति न हो.
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