69 हजार शिक्षकों की भर्ती पूरी हुई, छह हजार से ज्यादा टीचर्स को मिला नियुक्ति पत्र
यूपी की योगी सरकार ने राज्य में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली है. शुक्रवार को प्रदेश में छह हजार से ज्यादा शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटा गया.
लखनऊ: योगी सरकार की सबसे बड़ी शिक्षक भर्ती तमाम अड़चनों के बाद आखिरकार पूरी हो गयी. बेसिक शिक्षा विभाग की 69 हज़ार पदों की शिक्षक भर्ती के 6696 रिक्त पदों के लिए चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटे गए. इनमे 250 अभ्यर्थिययों को लोकभवन में जबकि बाकियों को उनके जिले में नियुक्ति पत्र दिए गए. सीएम योगी ने मंच से 10 लोगों को नियुक्ति पत्र दिए. इस मौके पर सीएम योगी ने जहां नवनियुक्त शिक्षकों को बधाई दी वहीं पिछली सरकारों पर जमकर सीधा निशाना साधा.
शिक्षक भर्ती निकलने पर गैंग निकल पड़ते थे
सीएम योगी ने कहा कि, 2017 में जब वो आये तो प्रदेश में बेसिक शिक्षा की स्थिति दयनीय थी. कहीं, भवन जर्जर, कही शिक्षक नहीं तो कहीं छात्र नहीं, कहीं सुविधाएं नहीं, कहीं बच्चों के लिए बेंच नहीं, कहीं बच्चे नंगे पैर स्कूल जाते थे. शिक्षा विभाग में सिर्फ ट्रांसफर, पोस्टिंग और अन्य ऐसे काम होते थे जो कलंक थे. सीएम योगी ने कहा कि, पहले शिक्षक भर्ती निकलती थी तो कुछ गैंग निकल पड़ते थे वसूली पे. कुछ खानदान और परिवार के लिए कमाई का जरिया हो गयी थी भर्ती प्रक्रिया, लेकिन अब ऐसा नहीं होता. इस सरकार में एजेंसियां तैयार हैं और जेले भी खाली करायी हैं. उन्होंने कहा कि, 52 महीने में हमने सवा चार लाख से अधिक सरकारी नौकरी दी और एक पर भी कोई संदेह नहीं कर सकता. आज उन्हें बुरा लगेगा जो पहले भर्ती शुरू होने पर वसूली के लिए झोला लेकर निकल पड़ते थे. कुछ लोग नहीं चाहते कि, ईमानदार प्रयास हो, व्यवस्था पारदर्शी हो. वो गैंग नहीं चाहता था कि आरक्षण नियमों का पालन हो. हाल ही में सीएम के एक ट्वीट पर विपक्ष ने निशाना साधा था. सीएम बोले, हमने तो यही कहा कि, जो युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करेगा वो तय कर ले कि संपत्ति जब्त करवानी या पारदर्शी व्यवस्था में सहयोग करना.
बदल रही है स्कूल की सूरत
सीएम योगी ने कहा कि, 53 हज़ार करोड़ से अधिक बेसिक शिक्षा पर एक साल में खर्च होता है. जो अपने बच्चों को पढ़ने के लिए इंग्लैंड और अन्य जगह भेजते थे, उन्हें इन सरकारी स्कूलों से मतलब नहीं था. 2017 के पहले भी सरकारें थी, बजट भी था, वेतन भी जाता था लेकिन विद्यालय जर्जर थे. विद्यालय की जमीन पर नहीं बल्कि भवन की दीवारों पर पेड़ निकले होते थे. हमने जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों से विद्यालय गोद लेने को कहा, तब भी विपक्ष ने सवाल उठाया कि क्या विद्यालय भी गोद लिए जाते हैं? आज जब स्कूल की सूरत बदल गयी तो वो घबरा रहे कि गरीब का बच्चा भी अच्छा पढ़ लेगा. गरीबों को जाति, क्षेत्र के आधार पर बांटने वालों को परेशानी कि अगर ये आगे बढ़ गए तो उनकी राजनीति समाप्त हो जाएगी.
शिक्षा विभाग में डेढ़ लाख से अधिक भर्ती
सीएम बोले कि, पिछले 15-16 महीने का समय देश-दुनिया के लिए संकट भरा रहा. ऑनलाइन पढ़ाई की प्रक्रिया अपनाई लेकिन उसमे भी समस्याएं. हमे इसी में रास्ता निकालने होगा. सिर्फ शिक्षा विभाग में ही हमने डेढ़ लाख से अधिक भर्ती की है. बेसिक, माध्यमिक के क्षेत्र में. कई लोग कानून के राज से घबराते हैं. व्यापारियों, गरीबों की जमीन कब्जाने वालों की संपत्ति जब्त हो रही. 15 सौ करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त हो चुकी है. प्रदेश में 4 लाख करोड़ से अधिक का निवेश आया, जिससे 1 करोड़, 61 लाख से अधिक रोज़गार मिला. सीएम ने नवनियुक्त शिक्षकों से कहा कि, उनके स्कूलों में जाने के बाद छात्र शिक्षक अनुपात बेहतर होगा. उन्होंने कहा कि, मैं भी सरकारी स्कूल से पढ़ा हूँ. बेसिक शिक्षा का स्कूल नींव है, ये जितनी मजबूत होगी उतना मजबूत बच्चों का भविष्य और राष्ट्र होगा. सभी शिक्षक इतना प्रयास तो करें कि, जिस ग्राम सभा में वहां के एक एक घर से जुड़े. अपने गांव का डाटा पास रखे, एक एक घर से संवाद करें. कितने घर, कौन सा परिवार क्या करता, कितने बच्चे, किसी आंगनबाड़ी जाना, किसे विद्यालय जाना. इसके बाद ग्राम पंचायत साथ बैठे सब स्कूल जाएं ये योजना बनाएं. कोरोना के चलते अभी बच्चों को स्कूल नहीं बुला पा रहे. ऐसे में कोई वैकल्पिक व्यवस्था सोचे जैसे क्या गांव में ही छोटे छोटे समूह में बच्चों को पढ़ा सकते? क्या कुछ बच्चों को स्कूल बुला सकते? कोरोना पता नहीं कब तक रहेगा इसलिए बच्चों के भविष्य का भी ध्यान रखना होगा. कई जगह ऑनलाइन अच्छे से चल रहा लेकिन कई जगह मोबाइल, टेबलेट, इंटरनेट की समस्या. इन बातों पर ध्यान रखकर बेसिक शिक्षा परिषद को कुछ करना होगा.
दिसंबर 2022 तक स्कूलों का कायाकल्प
बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने कहा कि, अब तक 1 लाख, 20 हज़ार से अधिक शिक्षकों को नियुक्ति मिली. अफसोस तब होता जब कुछ लोग गुमराह करके इसमे बाधा डालते है. अब कोई स्कूल शिक्षक विहीन नहीं रह जायेगा. दिसंबर 2022 तक सरकारी स्कूलों का कायाकल्प करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि, पिछली सरकारों में बड़े पैमाने पर फर्जी तरीके से गलत लोगों की शिक्षक भर्ती हुई. हमने सब ऑनलाइन किया तो बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक मिले जिनकी सेवा खत्म करने के साथ कार्रवाई कर रहे. सभी बच्चों का डेटा ऑनलाइन कर रहे जिससे योजनाओं में कोई फर्जीवाड़ा नहीं होगा.
नहीं उठा सकता कोई सवाल
डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि, योगी सरकार में नकलविहीन परीक्षाओं का आयोजन हुआ. इस सरकार की भर्तियों में कोई सवाल नहीं उठा सकता. पिछले 15 साल में माध्यमिक शिक्षा के 48 विद्यालय बने, इस सरकार के साढ़े 4 साल में 215 से अधिक भर्ती से लेकर पदस्थापन तक सब पारदर्शी किया. पहली बार 100 साल में यूपी बोर्ड में बिना परीक्षा प्रमोशन की प्रक्रिया अपनानी पड़ी. जल्द 10वीं व 12वीं के रिजल्ट जारी करेंगे, जल्द नया सत्र शुरू होगा. हालात देख ऑफलाइन क्लासेज का फैसला लेंगे, जरूरत हुई तो ऑनलाइन और ऑफ लाइन दोनों तरह से पढ़ाई कराएंगे.
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