लालढांग-चिल्लरखाल वन मोटर मार्ग को मंजूरी, राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक में हुआ फैसला
गढ़वाल के प्रवेश द्वार कोटद्वार को हरिद्वार-देहरादून सहित देश-प्रदेश के दूसरे हिस्सों से जोड़ने के लिए लालढांग-चिल्लरखाल रोड (कंडी रोड) के निर्माण की मांग बहुत ही लंबे समय से उठाई जाती रही है.
कोटद्वार: केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की 63वीं बैठक में उत्तराखंड के लालढांग-चिल्लरखाल वन मोटर मार्ग को स्वीकृति प्रदान की गई.
उत्तराखंड सरकार के वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि लालढांग-चिल्लरखाल वन मोटर मार्ग के सुदृढ़ीकरण से स्थानीय लोगों को लाभ मिलेगा. विशेष तौर से पौड़ी जनपद को इस मार्ग का लाभ मिलेगा और एलिवेटेड एनिमल पैसेज के निर्माण से वन्यजीव विचरण सुगम होगा.
राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक में वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत द्वारा वर्चुअल प्रतिभाग कर बोर्ड को अवगत कराया की लालढांग- चिल्लरखाल वन मोटर मार्ग 1980 के पूर्व से निर्मित है जिसका वर्तमान में सुदृढ़ीकरण करने की आवश्यकता है व चमारिया स्रोत व सिगड्डी स्रोत के बीच बनने वाले एलिवेटेड एनिमल पैसेज की लंबाई 470 मीटर और ऊंचाई 6 मीटर रखी जाए. उनके द्वारा यह भी बताया गया कि हरिद्वार से देहरादून के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग पर पूर्व में निर्मित एलिवेटेड एनिमल पैसेज की उंचाई भी 6 मीटर है . बोर्ड द्वारा इस वन मोटर मार्ग के सुदृढ़ीकरण करने की स्वीकृति प्रदान की गई है .
लंबे समय से उठ रही है मांग
गढ़वाल के प्रवेश द्वार कोटद्वार को हरिद्वार -देहरादून सहित देश-प्रदेश के दूसरे हिस्सों से जोड़ने के लिए चिलरखाल -लालढांग रोड (कंडी रोड) के निर्माण की मांग बहुत ही लम्बे समय से उठाई जाती रही है. इसके लिए क्षेत्र की जनता ने कई बार आंदोलन भी किए. जनता की इस मांग पर भाजपा सरकार ने इस मोटरमार्ग का निर्माण करने की कवायद भी शुरू कर दी थी ,लेकिन सख्त वन कानून का अड़ंगा लग जाने से इसका निर्माण अधर में लटक गया था.
अब जाकर इस मार्ग के निर्माण कार्य के जल्द शुरू होने की उम्मीद बंधी है जिससे कोटद्वार से देहरादून जाने वाली जनता को उत्तर प्रदेश के रास्ते जाकर दोहरे टैक्स की मार नहीं झेलनी पड़ेगी. वर्तमान में इस सड़क का सबसे ज्यादा असर जीएमओयू पर पड़ रहा है, सबसे बड़ी ट्रांसपोर्ट कंपनी की प्रतिदिन 30 से 35 बसों का संचालन हरिद्वार, ऋषिकेश को हो रहा है जो वर्तमान में नज़ीबाबाद यूपी होते हुई हरिद्वार जा रही हैं जिससे उन्हें और यात्रियों को दोहरे टैक्स की मार झेलनी पड़ रही है.
लालढांग-चिल्लरखाल वन मोटर मार्ग बन जाने से कोटद्वार भाबर सहित पूरे पौड़ी जनपद को उसका लाभ मिलेगा और कोटद्वार क्षेत्र का चहुमुखी विकास होगा यह मोटर मार्ग बनने से कोटद्वार सिडकुल में उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा.
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