मैनपुरी, एजेंसी। आगरा के भ्रष्टाचार रोधी इकाई ने रोडवेज बस स्टैंड पर रूट बदलने के एवज में सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (एआरएम) को एक संविदा ड्राइवर से छह हजार रुपये रिश्वत लेते बृहस्पितवार को रंगे हाथ पकड़ा।

भ्रष्टाचार रोधी इकाई के इंस्पेक्टर जसपाल सिंह ने बृहस्पतिवार देर शाम कोतवाली में भ्रष्टाचार रोधी कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी। आरोपी हरिदास चक को शुक्रवार मेरठ की अदालत में पेश किया जाएगा। एआरएम ने हालांकि इन आरोपों से इनकार किया है और उसक कहना है कि उसे साजिश के तहत फंसाया गया है।

अधिकारी ने बताया, ''यूपी रोडवेज में संविदा ड्राइवर के रूप में कार्यरत मैनपुरी के नखतपुर गांव के निवासी सत्यदेव यादव अपना रूट बदलवाना चाहते थे, जिसके लिए उन्होंने मैनपुरी के एआरएम हरिदास चक को आवेदन दिया था।''

उन्होंने बताया, ''यादव का आरोप है कि एआरएम ने रूट बदलने के लिए दस हजार रुपये रिश्वत मांगी थी लेकिन अंतत: मामला छह हजार रुपये में तय हुआ।''

उन्होंने बताया कि ड्राइवर ने रिश्वत देने की बजाय भ्रष्टाचार रोधी प्रकोष्ठ, आगरा को शिकायत कर दी, जिसके बाद प्रकोष्ठ के इंस्पेक्टर जसपाल सिंह ने बृहस्पतिवार को चक को छह हजार रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा।

जिलाधिकारी प्रमोद कुमार उपाध्याय ने बताया कि दो दिन पहले ही कई शिकायतें मिलने पर उन्होंने चक को चेतावनी दी थी, लेकिन उसने अपना आचरण नहीं सुधारा।