मेरठ. जम्मू-कश्मीर के शोपियां में हुए आतंकी हमले में घायल जवान अनिल तोमर की इलाज के दौरान मौत हो गई है. मेरठ के सिसौली गांव निवासी अनिल के शहीद होने की खबर के बाद उनके परिजनों क रो-रोकर बुरा हाल है. उनके माता-पिता की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. अनिल तोमर के दो बच्चे हैं. एक बेटी तान्या और एक बेटा लक्ष्य है. अनिल का पार्थिव शरीर श्रीनगर से गांव में लाया जा रहा है.


1 महीने की छुट्टी पर आए थे घर
अनिल तोमर के पिता ने बताया कि उनका बेटा एक महीने की छुट्टी पर घर आया था. 18 दिसंबर को ही ड्यूटी पर वापस चला गया था. उन्होंने बताया कि 25 तारीख को आखिरी बार उनसे बात हुई थी. उसके बाद उसके अधिकारियों और साथियों का ही फोन आया और मुठभेड़ में गोली लगने की जानकारी दी गई. अधिकारियों ने बताया था कि अनिल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और वह जल्द ही ठीक हो जाएगा.


बतादें कि अनिल तोमर सेना की 44 वीं राष्ट्रीय राइफल्स में बतौर घातक प्लाटून हवलदार के पद पर तैनात थे. अनिल तोमर की मूल यूनिट 23 राजपूत थी और अभी 44 वीं राष्ट्रीय राइफल्स में तैनाती के दौरान अनिल तोमर कमान अधिकारी की क्यू आर टी के कमांडर के तौर पर कार्यरत थे. वे साल 2000 में सेना में भर्ती हुए थे.


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