नई दिल्ली, एबीपी गंगा। देश के पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता अरुण जेटली के यूं दुनिया छोड़ जाने से न सिर्फ बीजेपी गहरे सदमे में है, बल्कि विपक्षी दलों के नेता भी दुखी है। 66 साल की उम्र में जेटली का रविवार को निधन हो गया। राजकीय सम्मान के साथ  दिल्ली के निगमबोध घाट में उनका अंतिम संस्कार हुआ। बेटे रोहन ने उन्हें मुखाग्नि दी। गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत तमाम पक्ष-विपक्ष के नेता उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए।


अंतिम संस्कार से पहले उनके पार्थिव शरीर को बीजेपी मुख्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। जिसके बाद बीजेपी मुख्यालय से निगम बोध घाट तक उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई। बता दें कि शनिवार को दोपहर 12 बजकर सात मिनट पर जेटली ने एम्स में आखिरी सांस ली, जहां उनकी पिछले कुछ हफ्ते से इलाज चल रहा था। उन्हें 9 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था।


मेरा दोस्त अरुण चला गया....मोदी


शनिवार को पहली बार बहरीन पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने नेशनल स्टेडियम में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते वक्त जेटली को याद किया। अपने संबोधन के आखिर में मोदी ने रुंधे हुए गले से जेटली को याद करते हुए कहा, 'मैं गहरा दर्द दबाए हुए बैठा हूं, आज मेरा दोस्त अरुण चला गया'



राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और कई अन्य राजनेताओं ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली को शनिवार को दक्षिण दिल्ली में स्थित उनके आवास पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।


विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं एवं भाजपा कार्यकर्ताओं तथा उनके प्रशंसकों ने जेटली को अंतिम विदाई दी। जेटली का पार्थिव शरीर कांच के ताबूत में रखा गया । नेताओं ने इस दौरान श्रद्धासुमन अर्पित किये और पुष्पचक्र चढ़ाये । केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, हर्षवर्धन, जितेंद्र सिंह और एस. जयशंकर के अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित विभिन्न नेताओं ने जेटली को अंतिम विदाई दी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल, दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, राजीव शुक्ला के अलावा केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान तथा उनके पुत्र चिराग पासवान ने भी दिवंगत नेता को अंतिम विदाई दी। योगी आदित्यनाथ, अरविंद केजरीवाल, नवीन पटनायक, कमलनाथ समेत विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने जेटली के आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी ।





रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी प्रसिद्ध थे। मंत्री रहते हुए देश उनके योगदान को कभी नहीं भूल सकता है। वह देश और पार्टी के लिए पूंजी थे । अब वह हमारे बीच नहीं हैं और मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।’ अहमद पटेल ने कहा हालांकि जेटली दूसरी पार्टी में थे, जिसकी अलग विचारधारा है लेकिन उनका सबके साथ सद्भाव था। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘उनकी तरह के बहुत कम लोग हैं । उनके निधन से न केवल भाजपा को बल्कि देश को भी क्षति हुई है ।’


दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दत्तक पुत्री नमिता कौल ने भी जेटली के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र चढ़ाया । दिवंगत भाजपा नेता सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज भी जेटली के आवास पर पहुंचीं। केजरीवाल ने कहा, ‘जेटली देश के बेहतरीन राजनेताओं में से एक थे । वह एक महान व्यक्ति और प्रखर वक्ता थे। मेरे उनके साथ अच्छे संबंध थे और इस नुकसान की भारपाई किसी तरह से नहीं होगी। दिल्ली को उनकी कमी खलेगी ।’


ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने जेटली को ‘‘शानदार सांसद एवं बेहतरीन मंत्री’’ के रूप में याद किया, जिनकी कमी कई लोग महसूस करेंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने जेटली को ‘‘संवेदनशील’’ व्यक्ति, प्रखर वक्ता और कुशल राजनेता बताया जिन्होंने रक्षा, कानून सहित कई अन्य विभाग पूरी दक्षता के साथ संभाले। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर बादल, उनकी पत्नी एवं केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर भी दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री के आवास पर मौजूद थे। पूर्व वित्त मंत्री को श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों में पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर, राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़, मीनाक्षी लेखी, अनुराग ठाकुर और प्रवेश साहिब सिंह वर्मा शामिल हैं।


भाजपा नेता विजय गोयल ने कहा, ‘हम दोनों ने श्रीराम कालेज आफ कामर्स में एक साथ छात्र संघ का चुनाव लड़ा । वह अध्यक्ष बने और मैं सचिव बना । तब से उनके साथ मेरे संबंध बहुत बेहतर रहे हैं। पश्चिम दिल्ली के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि हमने उन्हें खो दिया है । यह देश के लिए और मेरे लिए एक बड़ी क्षति है ।’


दिन में श्रीनगर गये कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आजाद हवाई अड्डे से सीधे अन्य नेताओं के साथ जेटली के आवास पर पहुंचे। आजाद ने कहा कि उन्हें संसद में जेटली की कमी खलेगी। उन्होंने कहा कि जेटली के साथ उनके संबंध दो प्रकार के थे - एक राजनीतिक थे, जबकि दूसरे वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गिरधारी लाल डोगरा के दामाद थे। उन्होंने कहा, ‘अंत तक, हमने इन दो रिश्तों को बनाए रखा। पिछले पांच-छह वर्षों में, एक तीसरा संबंध विकसित हुआ, जब वह राज्यसभा में सदन के नेता थे और मैं विपक्ष का नेता।’


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