Agra Custodial Death: आगरा में पुलिस हिरासत में मौत के मामले में पीड़ित परिवार कार्रवाई से संतुष्ट नजर आ रहा है. हालांकि, मृतक सफाई कर्मचारी अरुण के परिवारीजन इंसाफ की मांग कर रहे हैं. मृतक अरुण के भाइयों का कहना है कि, सरकार हमारे साथ खड़ी हुई है लेकिन हमें इंसाफ चाहिए. भले ही सरकार ने मुआवजा दिया है, नौकरी भी देने का ऐलान किया है, लेकिन जिन पुलिसकर्मियों की वजह से मेरे भाई की जान गई है, उनके खिलाफ हम कार्रवाई चाहते हैं.
पुलिस हिरासत में हुई मौत
दरअसल, 17 अक्टूबर को थाना जगदीशपुरा के मालखाने से 25 लाख रुपए की चोरी के मामले में थाने में सफाई व्यवस्था का काम देखने वाले अरुण वाल्मीकि पर घूमी तो पुलिस ने उसको तलाशना शुरू किया. 19 अक्टूबर की शाम को ताजगंज इलाके से पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और उसके बाद 20 अक्टूबर की सुबह उस की पुलिस हिरासत में मौत की खबर सामने आई.
प्रियंका गांधी के पहुंचने से सियासत गरमा गई
वाल्मीकि जयंती पर वाल्मीकि समाज के एक युवक की कस्टोडियल डेथ के मामले ने तूल पकड़ लिया और एसएन मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम हाउस के बाहर पीड़ित परिवारी जनों के पास राजनीतिक दलों के लोगों का आगमन शुरू हो गया और इस मामले में राजनीति तेज हो गई और शाम होते-होते प्रियंका गांधी की आगरा आगमन की खबर जैसे ही आई, वैसे ही प्रदेश की राजनीति एक बार फिर से गरमा गई. हालांकि, पुलिस इस घटना के बाद से पहले से ही सतर्क थी, इसलिए जब तक अरुण वाल्मीकि का अंतिम संस्कार नहीं किया गया तब तक प्रियंका गांधी को लखनऊ में ही रोका गया और उसके बाद प्रियंका गांधी को आगरा आने की इजाजत दी गई और देर रात प्रियंका गांधी पीड़ित परिजनों से मिली और उन्होंने आरोप लगाया कि वाल्मीकि समाज के 17...18 लोगों को उठाकर पीटा गया, उनके बड़े बड़े घाव हैं. पत्नियों के सामने पति को पीटा गया, इलेक्ट्रिक शॉक तक दिया गया. चार दिन तक परिवार के सदस्यों को पीटा गया. पोस्टमार्टम में एक भी परिवार का सदस्य मौजूद था, न्याय किसी के लिए नहीं है, न्याय सिर्फ मंत्रियों के लिए है, जिनके बेटे अपराध करते हैं. जब गरीबों के लिए न्याय नहीं है, तो किसके लिए है.
ह्रदयाघात से हुई अरुण की मौत
वह इस मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जो खुलासा हुआ है उसके मुताबिक हृदयाघात से अरुण वाल्मीकि की मौत की वजह सामने आई है. इसको लेकर एडीजी जोन राजीव कृष्णा का कहना है कि, परिवार को न्याय मिले हमारी यह प्राथमिकता है. एनएचआरसी के गाइडलाइन के मुताबिक हमने पोस्टमार्टम कराया है और उसमें हृदयाघात से मौत की हुई है. मुख्यमंत्री जी ने भी इस मामले में निर्देश दिया है कि, दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.
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