Uttarakhand Election 2022: क्या उत्तराखंड दौरे पर आ रहे अरविंद केजरीवाल मां गंगा से नहीं लेंगे आशीर्वाद? विपक्ष ने उठाया सवाल
Uttarakhand Election 2022: 21 नवंबर को केजरीवाल हरिद्वार आएंगे और यहां कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे. वह एक बड़ा रोड शो भी करने जा रहे हैं. लेकिन केजरीवाल मां गंगा से आशीर्वाद नहीं लेंगे.

Uttarakhand Election 2022: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर उत्तराखंड दौरे पर आ रहे हैं. इस बार की केजरीवाल हरिद्वार में चुनावी शंखनाद करेंगे. 21 नवंबर को केजरीवाल हरिद्वार आएंगे और यहां कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे. वह एक बड़ा रोड शो भी करने जा रहे हैं, जिसमें बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे. लेकिन केजरीवाल मां गंगा से आशीर्वाद नहीं लेंगे.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल दिल्ली से सीधे जौली ग्रांट एयरपोर्ट जाएंगे. उसके बाद कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग करेंगे. मीटिंग के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और उसके बाद हरिद्वार में एक बड़ा रोड शो भी करने वाले हैं. केजरीवाल के दौरे को लेकर आम आदमी पार्टी जोर-शोर से तैयारियों में जुटी है.
मां गंगा का नहीं लेंगे आशीर्वाद
आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड को आध्यात्मिक राजधानी बनाने की घोषणा की है. लेकिन आध्यात्मिक राजधानी बनाने की दिशा में आम आदमी पार्टी का कोई भी कदम नजर नहीं आ रहा है. केजरीवाल उत्तराखंड के तीन दौरे कर चुके हैं और चौथी बार हरिद्वार आ रहे हैं. जानकारी मिली है कि केजरीवाल हरिद्वार में ना तो गंगा पूजा करेंगे और ना ही मां गंगा से आशीर्वाद देंगे. इससे पहले भी केजरीवाल के उत्तराखंड में जो दौरे हुए हैं, उनमें केजरीवाल ने किसी भी मंदिर में मत्था नहीं टेका है, जबकि केजरीवाल ने उत्तराखंड को आध्यात्मिक राजधानी बनाने की बात कही थी. ऐसे में विपक्षी दल आम आदमी पार्टी पर यह सवाल खड़े कर रहे हैं कि जिस पार्टी के सबसे बड़े नेता उत्तराखंड के लगातार दौरे कर रहे हैं लेकिन एक भी बार ना तो वह चार धाम गए और ना ही मां गंगा का आशीर्वाद लिया. इतना ही नहीं उत्तराखंड को आध्यात्मिक राजधानी बनाने वाले लोग सिर्फ चुनावी वादे करके वापस दिल्ली चले जा रहे हैं.
कैसे बनेगी उत्तराखंड आध्यात्मिक राजधानी?
केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के पास उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी की चुनावी नैया पार कराने का जिम्मा है क्योंकि केजरीवाल और सिसोदिया ही आम आदमी पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं. उत्तराखंड में जो वादे अभी तक किए गए हैं, वह इन दोनों नेताओं ने ही किए हैं. इस बार केजरीवाल हरिद्वार में चुनावी शंखनाद जरूर कर रहे हैं लेकिन हरिद्वार में उनका मां गंगा से आशीर्वाद लेने का कोई इरादा नहीं है. ऐसे में उत्तराखंड को आध्यात्मिक राजधानी बनाने की बात करने वाली पार्टी कैसे इस सपने को साकार करेगी यह सवाल खड़ा होता है.
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