Asad Ahmed Funeral: उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी अतीक अहमद (Atiq Ahmed) का बेटा असद अहमद (Asad Ahmed) पुलिस एनकाउंटर में मारा गया है. जिसके बाद आज (15 अप्रैल) उसे प्रयागराज (Prayagraj) के कसारी मसारी कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. असद के एनकाउंटर के बाद से ही अतीक के पैतृक गांव चकिया में उसके घर के सामने लोगों की भीड़ लगना शुरू हो गया है. अतीक के पड़ोसी और उसे जानने वाले लोग बड़ी संख्या में वहां पहुंच रहे हैं. असद को आखिरी बार देखना चाहते हैं.


अतीक अहमद के गांव चकिया में उसका जो बंगला था उसे पहले ही बुलडोजर से गिराया जा चुका है, लेकिन असद के एनकाउंटर के बाद यहां बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो रहे हैं. इनमें महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल हैं. असद के एनकाउंटर पर चकिया के लोग काफी नाराज है और उसकी मजम्मत कर रहे हैं. चकिया के लोगों का कहना है कि अगर असद ने कुछ गलत किया था, तो उसे कानूनी तरीके से सजा देनी चाहिए था. उसका एनकाउंटर नहीं होना चाहिए था.



असद के एनकाउंटर पर भावुक हुए चकिया के लोग 


अतीक के घर के पास रहने वाली एक महिला ने कहा कि वो असद की मिट्टी में आईं हैं. वो चाहती है कि एक बार असद का दीदार कर लें. उसके साथ जो हुआ वो बहुत बुरा हुआ. उनके पास बैठी एक और महिला ने कहा कि अतीक अहमद अच्छे थे, वो विधवा पेंशन देते थे. कोई बीमार पड़ गया तो मेडिकल तक जाते थे. मरीज को अस्पताल तक ले जाने के लिए अपनी गाड़ी देते थे. पुलिस ने उनके बेटे का जो एनकाउंटर किया है वो गलत है, अगर उसने कुछ गलत किया था तो उसने सजा देनी चाहिए थी. पुलिस कचहरी तक ले जाना चाहिए था.


कानून के हिसाब से मिलनी चाहिए थी सजा


अतीक के घर से थोड़ी दूरी पर रहने वाली एक और महिला ने कहा कि असद का एनकाउंटर नहीं करना चाहिए था. उसे कोर्ट तक ले जाना चाहिए था. उसे कानून के हिसाब से सजा मिलनी चाहिए. इस दौरान एक महिला असद की मौत पर भावुक भी नजर आई. उसने कहा कि वो असद को देखने आईं हैं. एक बार वो आ जाएं तो हम उन्हें देख लें. महिला ने कहा कि असद बहुत अच्छा था. पुलिस ने उसका एनकाउंटर करके बहुत गलत किया है. असद ने गलत किया था तो उसके लेिए कानून बना है उसके हिसाब से सजा दी जाती लेकिन अब तो योगी जी खुद बैठकर सजा दे रहे हैं, वो खुद फैसला ले रहे हैं कि किसे क्या सजा देनी है, ऐसा है तो हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट सब बंद करवा दो. कानून क्यों है. 


इन्हीं महिलाओं से थोड़ी दूरी पर बैठक एक महिला ने कहा कि एक आदमी को अगर पांच-पांच लोगों ने मारा तो पांचों को सजा देनी चाहिए, लेकिन उन्होंने तो सबकुछ अपने हाथ में ही ले लिया है. प्रशासन, जज, मजिस्ट्रेट भी बन गए. घर गिराना और एनकाउंटर करना यही काम उनके पास बचा है. असद का एनकाउंटर नहीं होना चाहिए उसे सजा मिलनी चाहिए थी. 


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