बाबरी मामला: कोर्ट के फैसले से ओवैसी नाखुश, शायराना अंदाज में कहा- बहुत से फैसलों में अब तरफदारी होती है
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्विटर पर लिखा, ''वही कातिल वही मुनसिफ अदालत उसकी वो शाहिद, बहुत से फैसलों में अब तरफदारी भी होती है.''
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नई दिल्ली: बाबरी विध्वंश मामले में कोर्ट का फैसला आने के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने नाराजगी जताई है. औवैसी ने एक शायरी ट्वीट करके अपनी बात कही है.
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्विटर पर लिखा, ''वही कातिल वही मुनसिफ अदालत उसकी वो शाहिद, बहुत से फैसलों में अब तरफदारी भी होती है.'' (कातिल- कत्ल करने वाला, मुनसिफ- जज, शाहिद- गवाह, तरफदारी- पक्षपात)
vahī qātil vahī munsif adālat us kī vo shāhid bahut se faisloñ meñ ab taraf-dārī bhī hotī hai
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 30, 2020
इसके साथ ही सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एबीपी न्यूज से कहा कि ''सीबीआई कोर्ट का आज का फैसला भारत की अदालत की तारीख का काला दिन है. क्या जादू से मस्जिद को गायब कर दिया था, क्या जादू से मूर्तियां रखी गयीं थीं, क्या जादू से ताले खोले गए. सुप्रीम कोर्ट ने जो 9 नवंबर को फैसला दिया था, आज का फैसला उसके खिलाफ है. आप अंदाजा लगाइए आडवाणी की रथयात्रा जहां भी गयी वहां हिंसा हुई, लूटपाट हुई और लोगों के घर जला दिए गए.'' उन्होंने कहा, ''क्या यह सच नहीं है कि उमा भारती ने कहा था कि एक धक्का और दो, बाबरी मस्जिद तोड़ दो. क्या जब बाबरी मस्जिद शहीद हुई तब उमा भारती, आडवाणी मिठाई नहीं खा रहे थे.''
बता दें कि अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को गिराए गए विवादित ढांचे के मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. अदालत ने इस मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार समेत सभी 32 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है.
विध्वंस सुनियोजित नहीं था- अदालत
अदालत ने ये भी कहा कि मस्जिद का विध्वंस सुनियोजित नहीं था. अदालत ने कहा कि किसी भी आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिले. मामले में आडवाणी, जोशी, उमा भारती, नृत्य गोपाल दास, कल्याण सिंह और सतीश प्रधान को छोड़कर सभी 26 अभियुक्त फैसले के वक्त अदालत में मौजूद थे. जज ने कहा कि आरोपियों के ऑडियो में आवाज साफ नहीं थी.
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