Sambhal News Today: संभल में श्री कल्कि विष्णु मंदिर में शनिवार (21 दिसंबर) को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) की टीम ने गर्भगृह और कृष्ण कूप का सर्वे किया. निरीक्षण के दौरान एएसआई टीम ने फोटोग्राफी भी की. इसके बाद नगर पालिका की तरफ से कृष्ण कूप की सफाई का काम शुरू कर दिया गया है. 


दो दिन तक संभल में प्राचीन मंदिरों और कूपों का सर्वे करने के बाद आज यानी शनिवार को एएसआई की टीम यहां से लखनऊ के लिए रवाना हो गई. ऐसी मान्यता है कि कलयुग में संभल में भगवान कल्कि का अवतार होगा. उस से पहले संभल को कल्कि नगरी के रूप में सजाया संवारा जा रहा है. 


मंदिर के पुजारी ने क्या कहा?
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि वंशों से उनके पूर्वज इस प्राचीन मंदिर में पूजा पाठ कराते आ रहे हैं और अब वह यहां पूजा कराते हैं. उन्होंने बताया कि संभल त्रिभुज आकर में बसा है और इसके तीनों कोनों पर प्राचीन मंदिर है. सर्वे के दौरान ASI की टीम ने गर्भ गृह के गुंबद की भी फोटो ली है. पुजारी ने ASI वालों से इसके जीर्णोद्धार के मांग की है. यहां प्राचीन कुंआ है उस का भी जीर्णोद्धार किया जाएगा. 


'68 तीर्थों का होगा जीर्णोद्धार'
स्थानीय बीजेपी सभासद गगन वार्ष्णेय ने बताया कि संभल के सभी प्राचीन 68 तीर्थों, 19 कूपों का प्रशासन की ओर से जीर्णोद्धार कराया जा रहा है. उन्होंने बताया कि भगवान के आने से पहले उनकी नगरी को सजाया संवारा जा रहा है. यहां पर श्रद्धालुओं के आगमन से हिंदू मुसलमान सभी का विकास होगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. 


बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन से होटल, धर्मशालाओं के साथ दुकानदारों की भी इनकम बढ़ेगी. दावा किया जा रहा है कि यह मंदिर एक हजार साल पुराना है. ढाई सौ साल पहले अहिल्याबाई होलकर ने इसका पुनर्निर्माण कराया था. मंदिर के पुजारी इसके इतिहास से जुड़ी कई अहम बातें बताई हैं. 


फिलहाल ASI की टीम तो चली गयी है, लेकिन अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन का बुलडोजर एक्शन संभल में जारी है. संभल के सरायतरीन इलाके में शनिवार को भी बुलडोजर की धमक दिखाई पड़ी. इस दौरान स्थानीय लोगों ने इसका विरोध भी किया, लेकिन बुलडोजर की कार्रवाई संभल में लगातार जारी है. 


'मंदिर के प्राचीनता जानना है वजह'
एसडीएम संभल वंदना ने बताया कि आज ASI की टीम ने श्री कल्कि मंदिर और कृष्ण कूप का सर्वे किया है, उन्होंने यहां मंदिर के गर्भगृह और कुएं के फोटो किए हैं. यह पता लगाया जा रहा है कि ये कितना प्राचीन है. यह राज्य पुरातत्व विभाग की टीम थी जो यहां कृष्ण कूप और कल्कि मंदिर में लगभग 15 मिनट रही और अब टीम जा चुकी है. 


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