Politics on Beef In Assam: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि राज्य में होटल, रेस्तरां, सार्वजनिक स्थलों पर गोमांस परोसे जाने एवं खाने पर रोक लगेगी. उनके इस फैसले के बाद सियासी घमासान मच गया है. विपक्षी दलों की ओर से इस पर तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है. तो वहीं समाजवादी पार्टी की कैराना से सांसद इकरा हसन ने भी असम सरकार के फैसले को तानाशाही वाला करार दिया और कहा कि ये संविधान का उल्लंघन है.
कैराना सांसद ने कहा कि असम सरकार ने जो फैसला लिया है वो निजी जीवन में हस्तक्षेप है, संविधान के प्रावधान के खिलाफ है. इकरा ने कहा कि यह सीधा-सीधा राइट टू फ्रीडम का उल्लंघन है. इस तरीके से सरकारें अगर निजी जीवन में हस्तक्षेप करेंगी तो इस देश में अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोग हैं. यही हमारे देश की खूबसूरती है. अगर हम सब पर बैन लगाने लगेंगे तो हम तानाशाही की तरफ जा रहे हैं. फिर हम अपने आपको लोकतांत्रिक नहीं कह सकते हैं.
दरअसल असम की हिमंत बिस्व सरमा सरकार ने गोमांस को लेकर बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत अब से राज्य के किसी भी होटल या रेस्तरां में गोमांस को परोसने पर प्रतिबंध लगाया दिया गया है. इसके साथ ही किसी सार्वजनिक जगह पर भी गोमांस को परोसने पर रोक लगाई है. असम के सीएम अपने इस तरह के फैसलों को लेकर अक्सर सुर्खियों में भी रहते हैं।
संभल को लेकर बीजेपी सरकार पर उठाए सवाल
सपा सांसद इकरा हसन ने पहली बार चुनाव जीतकर सांसद बनी है. वो सबसे युवा सांसदों में से एक हैं लेकिन तमाम मुद्दों पर बेहद सधी हुई प्रतिक्रिया के लिए जानी जाती है. बुधवार को भी राहुल गांधी के सँभल दौरे को लेकर उन्होंने बयान दिया और बीजेपी सरकार की नीयत पर ही सवाल उठाए थे, उन्होंने कहा कि यूपी में बीजेपी सरकार जो कर है उससे उनकी नीयत पर सवाल उठ रहे हैं कि ऐसा क्या है कि संभल में जनप्रतिनिधियों को भी जाने नहीं दिया जा रहा है.
इकरा ने कहा कि हम सिर्फ ये जानना चाहते हैं कि वहां क्या घटना हुई है और इसके पीछे कौन लोग हैं. लेकिन सरकार के द्वारा जिस तरह लोगों को जाने से रोका जा रहा है उससे सरकार की मंशा गलत लग रही है जैसे वो कुछ छिपाने की कोशिश कर रहे हैं.
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