(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
ललितपुर: शिक्षा विभाग में चल रहा है गोरखधंधा, गुरुजी पढ़ाने नहीं अधिकारी की गाड़ी चलाने आते हैं
उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग में लापरवाही के मामले सामने आते रहते हैं। लेकिन ललितपुर में सामने आए एक मामले ने शिक्षा विभाग में अधिकारियों की मनमर्जी की कलई खोलकर रख दी
ललितपुर, एबीपी गंगा। जिले में शिक्षा विभाग से जुड़ा विचित्र मामले सामने आया है। यहां एक शिक्षक पढ़ाई का काम छोड़कर ड्राइवर का काम कर रहे हैं। मामला ललितपुर जनपद ब्लाक बिरधा अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय अमऊखेड़ा का है, जहां सहायक शिक्षक के पद पर तैनात इंद्रप्रकाश सतोरिया बच्चों को पढ़ाने के नाम पर एबीएसए विनोद पटेरिया की कार चलाने का काम कर रहे हैं। विद्यालय के छात्रों ने बताया कि वह कभी-कभार ही विद्यालय आते हैं और पिछले एक साल से तो विद्यालय आये ही नहीं, जबकि वह एक बार डिप्टी साहब की गाड़ी चलाते हुए विद्यालय आए थे जब भी वह विद्यालय आते हैं तो साहब की गाड़ी चलाते हुए ही आते हैं।
सहायक शिक्षक का वेतन लेते हैं और एबीएसए की गाड़ी चलाते हैं, इस प्रकार बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करते हुए शिक्षण कार्य में रुचि नहीं लेते हैं इस प्रकार जितने दोषी सहायक शिक्षक हैं, उतने ही दोषी बिरधा ब्लाक के एबीएसए विनोद पटेरिया, जो गाड़ी चलवाने के स्वार्थ में प्रशिक्षण और मुख्यालय के कार्य में लगाने का बहाना बनाकर केवल गाड़ी चलवाने का कार्य करता है।
दयनीय है विद्यलाय की हालत
उपस्थिति रजिस्टर पर गौर किया जाए तो सहायक शिक्षक इंद्रप्रकाश सतोरिया के नाम के आगे कोई भी एंट्री कई महीनों से नहीं की गई है, विद्यालय के हालात देखकर लगता है कि इस विद्यालय में कमपोजिट ग्रांड दी नहीं जाती और यदि दी जाती है तो उसका उपयोग नहीं किया जाता या स्वयं के उपयोग में ले ली जाती है। विद्यालय के जर्जर हालात होने के कारण बच्चे बाहर पत्थरों पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करते हैं विद्यालय के अंदर आने का रास्ता भी बदहाल है। एक वर्ष से अधूरे पड़े विद्यालय के शौचालय तैयार नहीं किये गये, बच्चे परेशान हो रहे हैं। लडकिया एवं लड़के खुले में प्रसाधन के लिए बाहर जा रहे हैं। निरीक्षण के लिए आने वाले अधिकारियों ने कभी शौचालय की ओर ध्यान ही नहीं दिया या फिर कोई भी अधिकारी इस विद्यालय में निरीक्षण करने आता ही नहीं है। वहीं बीएसए मनोज कुमार वर्मा का कहना है कि इस मामले की जांच कर कड़ी कार्रवाई करते हुए ऐसे लापरवाह शिक्षक की बर्खास्तगी करने की आवश्यकता पड़ी तो करेंगे।