प्रयागराज: माफिया घोषित किए गए पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद की अवैध और बेनामी सम्पत्तियों को पिछले दो हफ्तों से प्रयागराज में सरकारी बुलडोजर चलाकर उन्हें जमींदोज किया जा रहा है. दो हफ्ते में अब तक अतीक की 11 इमारतों पर सरकारी बुलडोजर चल चुका है, जबकि 10 प्रॉपर्टीज को सीज कर उन्हें जब्त किया गया है.


नहीं रुकेगी कार्रवाई
बाहुबली के खिलाफ सरकारी अमले की कार्रवाई फिलहाल यहीं नहीं रुकने जा रही है, बल्कि वो बुलडोजर से आगे बढ़ते हुए अब कुछ बिल्डिंग्स को डायनामाइट लगाकर रिमोट के जरिये बारूद से उड़ाने की भी तैयारी में है. डायनामाइट के इस्तेमाल से बारूद के जरिए अतीक की करोड़ों की बेशकीमती इमारत को उड़ाने का खाका तैयार कर लिया गया है. इस काम में कोई जनहानि न हो और आसपास की दूसरी बिल्डिंग्स को कोई नुकसान न पहुंचे, इसके लिए बाहर से आने वाली एक्सपर्ट्स की टीम का इंतजार किया जा रहा है. एक्सपर्ट की टीम के आने के बाद उसकी निगरानी में ही इस बारूदी काम को अंजाम दिया जाएगा.


अतीक ने बनवाया कोल्ड स्टोरेज
दरअसल पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके परिवार ने प्रयागराज में तमाम जगहों पर सम्पत्तियां बना रखी हैं. शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर अंदावा इलाके में अतीक के परिवार की तकरीबन चार बीघा जमीन है. इस बेशकीमती जमीन के करीब 10 हजार स्क्वायर मीटर जगह पर अतीक ने कोल्ड स्टोरेज बनवा रखा है.


अतीक के परिवार का ड्रीम प्रोजेक्ट
पांच मंजिला कोल्ड स्टोरेज चार हिस्सों में है. ये प्रयागराज ही नहीं बल्कि आसपास के कई जिलों का सबसे बड़ा कोल्ड स्टोरेज है. करोड़ों की लागत होने और हर महीने इसके किराए से लाखों की आमदनी होने की वजह से इस कोल्ड स्टोरेज को बाहुबली अतीक के परिवार का ड्रीम प्रोजेक्ट भी कहा जाता है.



नहीं ली गई थी मंजूरी
ये जमीन अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन के नाम पर है. माफिया घोषित किए जाने के बाद सरकारी अमले ने अतीक के खिलाफ जब गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू की तो इस जमीन की भी पड़ताल की गई. पड़ताल में साफ हुआ कि जमीन तो जरूर अतीक की पत्नी के नाम है, लेकिन कोल्ड स्टोरेज के निर्माण के लिए विकास प्राधिकरण से कोई मंजूरी नहीं ली गई थी.


नई रणनीति बनाई गई
बिना नक्शे के बने कोल्ड स्टोरेज को दो हफ्ते पहले अवैध निर्माण घोषित कर उसके ध्वस्तीकरण के आदेश जारी किए गए. तीन दिन पहले कई बुलडोजर लगाकर इसके ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन दो दिनों में जब 10 फीसदी हिस्सा भी नहीं गिर पाया तो सरकारी अमले ने इसे जमींदोज किए जाने को लेकर नई रणनीति बनाई.


महाराष्ट्र के एक्सपर्ट्स से किया गया संपर्क
इसके तहत कोल्ड स्टोरेज की इमारत को डायनामाइट और दूसरे बारूदों के जरिये रिमोट के माध्यम से उड़ाकर मिट्टी के ढेर में तब्दील करने की योजना तैयार की गई. इसके लिए कुछ एक्सपर्ट्स की भी मदद ली गई. एक्सपर्ट्स ने मौके पर छानबीन के बाद जानकारी दी कि डायनामाइट ब्लास्ट के जरिये कोल्ड स्टोरेज को गिराते समय आसपास कोई भी नहीं होना चाहिए. काफी दूर तक का इलाका पूरी तरह खाली होना चाहिए. इसके साथ ही ये आशंका भी जताई गई कि एक्सप्लोसिव बलास्ट से आसपास के मकानों को भी नुकसान पहुंच सकता है. इसके बाद महाराष्ट्र के उन एक्सपर्ट्स से संपर्क किया गया है, जिन्होंने कुछ दिनों पहले मुम्बई की एक इमारत को इसी तकनीक से जमींदोज किया था.


एक्सपर्ट्स की निगरानी में होगा काम
प्रयागराज विकास प्राधिकरण के जोनल ऑफिसर आलोक पांडेय के मुताबिक कोल्ड स्टोरेज को बुलडोजर और जेसीबी मशीनों के जरिए तोड़ने में लम्बा वक्त लग सकता है, इसलिए अब इसे बारूद से ब्लास्ट कराकर उड़ाने की तैयारी की गई है. उनके मुताबिक ये काम सुपर एक्सपर्ट्स की निगरानी में कराया जाएगा.



एक्शन मोड सरकारी अमला
यूपी में यह शायद पहला मौका होगा जब किसी माफिया की अवैध संपत्ति को तोड़कर ध्वस्त करने के बजाय बारूद के जरिये ब्लास्ट कर सीधे तौर पर उड़ा दिया जाएगा. कहा जा सकता है कि सरकारी अमला पहले तो अतीक पर मेहरबान नजर आते हुए सिर्फ कागजों पर ही शिकंजा कस रहा था, लेकिन अब सक्रिय होने के वो एक्शन मोड में आ गया है.


यह भी पढ़ें:



UP Assembly By-elections: बीजेपी ने कसी कमर, जीत के लिए सीएम योगी ने बनाई ये रणनीति


यूपी: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की जमानत, नोटिस भी किया जारी