Atiq Ahmad Killed: पूरे यूपी में धारा 144, आला अधिकारी प्रयागराज रवाना, अतीक और अशरफ हत्याकांड में अबतक क्या हुआ?
Atiq Ahmad Died: अतीक अहमद के तीनों हमलावर मीडियाकर्मी बनकर आए थे और ताबड़तोड़ गोलियां चलाने लगे. पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई है. वारदात रात के करीब 10 बजे की है.
Atiq Ahmad Killed: प्रयागराज में शनिवार रात करीब 10 बजे माफिया अतीक अहमद और उसके भाई की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस हत्या के बाद से वहां सनसनी फैल गई. मीडियाकर्मी बनकर आए हत्यारों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं, जिससे माफिया और उसके भाई की मौके पर मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक, तीनों हमलावर Up70-M7337 पल्सर मोटरसाइकिल से आए थे. अब पुलिस पता लगाएगी कि क्या ये नंबर फर्जी तो नही इसकी भी जांच की जाएगी. पुलिस अब इस बात की जानकारी जुटाएगी बाइक कहां से लाई गई. वहीं, इसकी भी जानकारी जुटाई जाएगी कि कैमरा कहां से लिया, फेक कैमरा है या कहीं से खरीदकर लाए. फोरेंसिक टीम के 5 अधिकारी मौके पर मौजूद हैं. वे हर सबूत जुटा रहे हैं. इस हत्या ने देशभर में सनसनी फैला दी है. दोनों की हत्या में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और पूछताछ जारी है.
हमले के बाद तीनों आरोपियों को पकड़ लिया गया है. वहीं, पुलिस अब आगे की पूछताछ कर रही है. इस हत्या के बाद से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. इस हत्या की जांच के लिए न्यायिक कमेटी बनाने का एलान किया गया है. ऐसा कहा जा रहा है कि अतीक की सुरक्षा में तैनात सभी 17 पुलिसकर्मी को सस्पेंड किया गया है. हालांकि पुलिस की ओर से इस बारे में अबतक कोई जानकारी नहीं दी गई है. लखनऊ में सुरक्षा चाकचौबंद की गई है. यूपी के सभी थाना प्रभारी को इलाकों में जाने के लिए कहा गया. वहीं, डीजीपी और प्रमुख भी प्रयागराज जाएंगे.
मीडियाकर्मी बनकर आए थे हमलावार
बता दें कि तीनों हमलावर मीडियाकर्मी बनकर आए थे और ताबड़तोड़ गोलियां चलाने लगे. पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई है. वारदात रात के करीब 10 बजे की है जब पुलिस ने अतीक अहमद और अशरफ से लंबी पूछताछ की थी और इसके बाद दोनों को मेडिकल जांच के लिए लाया गया था. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि घटना के संबंध में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. महज दो दिन पहले ही झांसी में पुलिस मुठभेड़ में अहमद का बेटा असद मारा गया था.
न्यायिक कमेटी बनाने का एलान
विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने एक बयान जारी कर कहा, ''उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज की घटना का संज्ञान लिया है. उन्होंने तत्काल उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिये हैं.'' बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग के गठन के भी निर्देश दिये हैं. अधिकारियों ने कहा कि घटना के बाद राज्य के सभी जिलों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है.
यूपी के सभी जिलों में धारा 144 लागू
अतीक और उसके भाई की हत्या के बाद यूपी के सभी जिलों में धारा-144 लागू की गई है. लखनऊ के हुसैनाबाद में पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला. प्रयागराज में अतीक और उसके भाई की हत्या के बाद संवेदनशील इलाकों में पुलिस गश्त कर रही है. प्रयागराज में इंटरनेट बंद कर दिया गया है, जबकि कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि कानपुर में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़े.
पुलिस अधिकारी ने दी ये जानकारी
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, 'हम लोग घटना की जांच कर रहे हैं. अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. गिरफ्तार लोगों से अभी पूछताछ की जानी है.' सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) करेली श्वेताभ पांडेय ने बताया कि अतीक और अशरफ को रूटीन जांच के लिए अस्पताल लाया गया था, तभी यह घटना हुई. उन्होंने यह भी बताया कि तीनों आरोपियों को पकड़ लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. हालांकि उन्होंने अन्य कोई ब्यौरा नहीं दिया. पुलिस के अनुसार घटनास्थल पर तीन पिस्तौल, एक मोटर साइकिल, एक वीडियो कैमरा और एक न्यूज चैनल का लोगो पड़ा मिला है. अंदेशा है कि तीनों हमलावर मीडियाकर्मी बनकर आये और घटना को अंजाम दिया. उन्होंने अपने गले में पहचान पत्र भी लटका रखे थे.
विपक्ष ने उठाए सवाल
समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व सांसद अतीक अहमद (60) और उसके पूर्व विधायक भाई अशरफ की हत्या पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, ‘‘उत्तर प्रदेश में अपराध की पराकाष्ठा हो गयी है और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसी की हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या. इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है कि कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं.’’
जानें- पूरा मामला
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को 2005 के उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में सुनवाई के लिए यहां लाया गया था. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक राजू पाल की हत्या के मामले के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके दो पुलिस सुरक्षा गार्ड की 24 फरवरी को उनके धूमनगंज स्थित आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उमेश पाल की पत्नी जया पाल द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर 25 फरवरी को अहमद, अशरफ, अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, गुड्डू मुस्लिम और गुलाम और नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
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