प्रयागराज: माफिया घोषित किये गए पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. उत्तर प्रदेश में वक़्फ़ की सम्पत्तियों को मनमाने तरीके से बेचे जाने के मामले में भी अतीक अहमद जांच एजेंसी सीबीआई के रडार पर हैं. इस मामले में सीबीआई यूपी के शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी के खिलाफ दो एफआईआर पहले ही दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर चुकी है. इनमे से एक एफआईआर प्रयागराज के बहादुरगंज इलाके के इमामबाड़े की बिल्डिंग को गिराकर वहां कामर्शियल काम्प्लेक्स बनाए जाने के मामले में दर्ज है. सूत्रों के मुताबिक़ इस इमामबाड़े को गिराने और वहां कामर्शियल काम्प्लेक्स बनाए जाने का मास्टर माइंड अतीक अहमद ही है. अतीक ने ही परदे के पीछे से पूरा गेम खेला था. अतीक के रसूख के चलते ही शिया समुदाय के पुरज़ोर विरोध के बावजूद इमामबाड़े को गिराकर वहां चौंसठ दुकानों का कामर्शियल काम्प्लेक्स बना दिया गया है. कहा जाता है कि इस तोड़फोड़ में करोड़ों रुपये का खेल हुआ है.


अतीक अहमद के करीबी को बनाया गया था मुतवल्ली


प्रयागराज के बहादुरगंज इलाके की बताशा मंडी में दो सौ साल से पुराना इमामबाड़ा हैदर रज़ा स्थित है. यह शिया वक़्फ़ बोर्ड की संपत्ति है. इमामबाड़ा हैदर रज़ा प्रयागराज में शिया समुदाय के लोगों की आस्था का बड़ा केंद्र माना जाता है. साल 2015 में इस इमामबाड़े का मुतवल्ली अतीक अहमद के दोस्त और उनके बेहद करीबी कहे जाने वाले वकार रिज़वी को बनाया गया था. वक़ार की नियुक्ति के कुछ दिन बाद ही इमामबाड़े की बिल्डिंग को गिराया जाने लगा. लोगों ने विरोध किया तो अतीक ने आगे आकर मोर्चा संभाला था. विरोध ज़्यादा बढ़ा तो पहले यह बहानेबाजी की गई कि इमामबाड़े की बिल्डिंग जर्जर होने की वजह से उसका जीर्णोद्धार किया जा रहा है. इसके बाद भी विरोध जारी रहा तो पुलिस का इस्तेमाल कर प्रदर्शन करने वालों पर लाठियां चलवाई गईं और साथ ही मुकदमा भी दर्ज हुआ. यूपी में उस वक्त अखिलेश यादव की सरकार थी और अतीक अहमद समाजवादी पार्टी में ही थे.


कहा यह जाता है कि वकार रिज़वी को अतीक अहमद के कहने पर ही प्रयागराज के इमामबाड़ा हैदर रज़ा का मुतवल्ली बनाया गया था. बहरहाल बिल्डिंग गिरने के बाद इमामबाड़े वाली जगह पर एक कामर्शियल काम्प्लेक्स बना दिया गया. चौक से सटा इलाका होने की वजह से इन दुकानों को मुंहमांगी कीमत पर व्यापारियों को दिया गया. काम्प्लेक्स की पहली मंज़िल के छोटे से हिस्से में इमामबाड़े को सीमित कर दिया गया. वसीम रिज़वी उस वक्त शिया वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन और आज़म खान विभाग के कैबिनेट मंत्री थे. इमामबाड़े को गिराकर वहां काम्प्लेक्स बनाए जाने का काम भी बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद के करीबी जैन बिल्डर्स को दिया गया था. यह बिल्डर अतीक का राइट हैंड कहा जाता है. ऐसे में समझा जा सकता है कि यहां के इमामबाड़े में हुए करोड़ों के वारे न्यारे में अतीक अहमद का अहम रोल रहा है.


अतीक हैं पूरे खेल में मास्टर माइंड


प्रयागराज के शिया स्कॉलर और सोशल वर्कर शौकत भारती ने इमामबाड़े को तोड़े जाने का पुरज़ोर विरोध किया था. उन्होंने ही हर जगह इस मामले की शिकायत की थी. शिकायतों की जांच रिपोर्टों के आधार पर ही मामला कुछ दिन पहले सीबीआई को सौंपा गया. सीबीआई ने वसीम रिज़वी समेत कुछ लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है. वसीम रिज़वी पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है तो साथ ही जांच की जद में मास्टरमाइंड अतीक अहमद का भी आना तय है. चर्चा यह भी है कि अतीक अहमद ने अपनी करीबी वक़ार रिज़वी को एडजस्ट कराने के लिए ही इमामबाड़े के मामले में दखल दिया था और बाद में अपने करीबी बिल्डर को यहां का काम भी दिला दिया था.


आजम खां भी मुश्किल में


सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ अतीक अहमद इस मामले में सीबीआई के रडार पर है. हालांकि जांच एजेंसी इस मामले में सबसे पहले शिकायतकर्ता शौकत भारती का बयान दर्ज करेगी. इसके बाद मुतवल्ली और बिल्डर से पूछताछ होगी. नामजद आरोपी वसीम रिज़वी पर शिकंजा कसा जाएगा और इसके बाद ही अहमदाबाद जेल में बंद पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद का बयान होगा. इस मामले में सीबीआई की जांच के दायरे में समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर के सांसद आज़म खान भी आ सकते हैं, क्योंकि गड़बड़ियों के वक़्त वक्त विभाग के मंत्री वह खुद ही थे. वसीम रिज़वी उन्हीं के करीबी माने जाते हैं. यही वजह है कि इस मामले को लेकर पिछले पांच सालों से लड़ाई लड़ रहे शिकायतकर्ता शौकत भारती भी परदे के पीछे से गेम खेलने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.


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