Atiq Ahmed Murder Case: पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ अहमद (Ashraf Ahmed) की हत्या के 50 दिन पूरे हो गए हैं. हालांकि इस हत्याकांड के 50 दिन बाद भी हत्या का मोटिव यानी मकसद पुख्ता तौर पर साफ नहीं हुआ है. इस हत्याकांड के बाद से यूपी पुलिस (UP Police) लागातर सवालों के घेरे में रही है.


अतीक और अशरफ की हत्या 15 अप्रैल की रात प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल में पुलिस कस्टडी में की गई थी. इनको कॉल्विन हॉस्पिटल में मेडिकल चेकअप के लिए लाया गया था. इसी दौरान उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस हत्याकांड के तीनों आरोपियों को घटना स्थल से ही गिरफ्तार कर लिया गया. घटना स्थल पर ही शूटर लवलेश तिवारी, अरुण मौर्य और सनी सिंह पकड़े गए थे.


हालांकि सूत्रों का दावा था कि अपराध की दुनिया में नाम कमाने के लिए उन्होंने यह वारदात की है. लेकिन शूटरों के इस दावे पर किसी को भी यकीन नहीं हो रहा है. जबकि पुलिस की जांच भी अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. पुलिस तमाम दावों के बीच कई एंगल से इस हत्याकांड की जांच कर रही है. 


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दिए गए थे जांच के आदेश
हालांकि ये पूरा हत्याकांड पुलिस टीम और मीडिया के कैमरों के सामने अंजाम दी गई थी. इस हत्याकांड के पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए थे. उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स भी अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की लगातार जांच कर रही है. 


गौरतलब है कि अतीक अहमद और अशरफ की हत्या पत्रकार के रुप में आए तीन हमलावरों ने की थी. अतीक और अशरफ को पूछताछ के लिए प्रयागराज लाया गया था. इन दोनों से उमेश पाल हत्याकांड में पूछताछ हो रही थी. बता दें कि उमेश पाल और उनके दो गनर्स की हत्या बीते 24 फरवरी को कर दी गई थी.