Atiq Ahmed News: अतीक और अशरफ हत्याकांड की चार्जशीट तैयार! SIT की जांच में सामने आई ये बात
Atiq Ahmed Case: 15 अप्रैल 2023 को अतीक अहमद के साथ उसके भाई की हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड की जांच एसआईटी कर रही है. सूत्रों की मानें तो एसआईटी ने चार्जशीट तैयार कर ली है.
Atiq Ahmed Murder: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद (Ashraf Ahmed) के हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी (SIT) ने चार्जशीट तैयार कर ली है. सूत्रों की मानें तो एसआईटी अगले तीन दिनों में अदालत में चार्जशीट दाखिल करेगी. 14 जुलाई को हत्याकांड के 90 दिन पूरे हो रहे हैं. इससे पहले माना जा रहा है कि एसआईटी चार्जशीट दाखिल कर देगी.
सूत्रों के मुताबिक एसआईटी पहले दिन की थ्योरी से एक दिन भी आगे नहीं बढ़ सकी है. एसआईटी उन्हीं तीन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करेगी जो मौके से पकड़े गए थे. एसआईटी चार्जशीट में जांच पूरी होने का भी दावा करेगी. जांच के लिए पुलिस कमिश्नर प्रयागराज रमित शर्मा ने तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था. एसआईटी में एडीसीपी क्राइम सतीश चंद्र की अध्यक्षता में गठित थी, जिसमें एसीपी सत्येंद्र प्रसाद तिवारी और इंस्पेक्टर ओमप्रकाश शामिल हैं.
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तीन शूटर हुए थे गिरफ्तार
दरअसल, 15 अप्रैल को धूमनगंज थाना पुलिस की कस्टडी में माफिया अतीक और अशरफ की हत्या कर दी गई थी. काल्विन अस्पताल में उनका मेडिकल कराने ले जाने के दौरान की हत्या की गई थी. मौके से तीन शूटर लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या गिरफ्तार किए गए थे. शूटर ने तुर्की की जिगाना और गिरसान पिस्टल के साथ ही एक देसी पिस्टल से हत्या की थी. शूटर्स को गिरफ्तार करने के साथ ही पुलिस ने असलहे बरामद कर लिए थे.
तीनों शूटर्स ने नाम कमाने और रातों-रात डॉन बनने के लिए हत्या की बात कबूल की थी. एसआईटी 86 दिन की जांच के बाद भी तीनों शूटर्स से आगे नहीं बढ़ सकी. इस वजह से माना जा रहा है कि एसआईटी की चार्जशीट में हत्या के लिए तीनों शूटर लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या का ही नाम है. एसआईटी हत्याकांड के पीछे साजिशकर्ता तक नहीं पहुंच सकी है. एसआईटी हत्याकांड के पीछे साजिशकर्ता तक नहीं पहुंच सकी है.
इनसे जुड़े हैं तार
सूत्रों के मुताबिक चार्जशीट में तीनों हत्यारोपियों को मनबढ़ बताया गया है. हालांकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ ही दिल्ली के गोगी गैंग और सुंदर भाटी गैंग से भी तार जुड़े बताए गए हैं. एसआईटी ने शूटर्स के पड़ोसियों और गांव वालों के भी बयान दर्ज किए हैं. इसके अलावा मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों, मीडिया कर्मियों और स्वास्थ्य कर्मियों के भी बयान दर्ज किए गए हैं. फिलहाल तीनों आरोपी 14 जुलाई तक ज्यूडिशियल कस्टडी में प्रतापगढ़ जेल में बंद हैं.
14 जुलाई को फिर से आरोपियों की सीजेएम कोर्ट में पेशी होगी. सुरक्षा के मद्देनजर वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी कराई जा सकती है. वहीं इस हत्याकांड की न्यायिक आयोग भी जांच कर रहा है. राज्य सरकार ने घटना के बाद पांच सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस डी बी भोसले की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय न्यायिक आयोग जांच कर रहा है.
न्यायिक आयोग में झारखंड हाई कोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस वीरेंद्र सिंह, इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी, पूर्व डीजीपी सुबेश कुमार सिंह और रिटायर्ड जिला जज बृजेश कुमार सोनी शामिल हैं. न्यायिक जांच आयोग ने भी घटना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लोगों के बयान दर्ज किए हैं. न्यायिक जांच आयोग ने भी घटना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लोगों के बयान दर्ज किए हैं.