Atiq-Ashraf Murder Case: माफिया ब्रदर्स अतीक-अशरफ की हत्या के बाद मौके से गिरफ्तार किए गए तीनों शूटरों पर आज आरोप तय नहीं हो सके. तीनों शूटर्स प्रयागराज (Prayagraj) की जिला कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े थे. शूटर लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या पर आरोप तय होना था. एसआईटी की चार्जशीट के आधार पर आरोप तय होना था. तीनों शूटर्स की पेशी प्रतापगढ़ जिला जेल से कराई गई थी. शूटरों ने आरोप तय करने के लिए कोर्ट से मोहलत मांगी. उन्होंने कहा कि वकील पेश करने का मौका दिया जाए. दलील दी गई कि अभी तक कोई वकील कोर्ट में पेश नहीं हुआ. कोर्ट ने मोहलत की मांग मानते हुए 16 अगस्त तक शूटर्स को वकील करने का समय दिया.


माफिया ब्रदर्स अतीक-अशरफ हत्याकांड


बता दें कि शूटर्स लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण के खिलाफ एसआईटी ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. 15 अप्रैल को माफिया अतीक अहमद और अशरफ की गोली मारकर हत्या की गई थी. हत्याकांड को अंजाम देने के शूटरों ने सरेंडर कर दिया था. माफिया ब्रदर्स की गोली मारकर हत्या काल्विन अस्पताल ले जाते समय की गई थी. पुलिस कस्टडी में अतीक-अशरफ की हत्या से यूपी की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हुए थे.


प्रतापगढ़ जिला जेल से आरोपियों की पेशी


तीनों हमलावर पत्रकार के भेष में पहले से अस्पताल पहुंचे हुए थे. मौका देखकर अतीक-अशरफ पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. गोलीबारी में माफिया ब्रदर्स ने मौके पर दम तोड़ दिया. जिला अदालत ने पिछली सुनवाई में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 309 के तहत आरोपियों का वारंट बनाने का आदेश दिया था. एसआईटी के आरोपपत्र में हमलावरों को 'आक्रामक' बताया गया है. पुलिस हिरासत में सनसनीखेज वारदात के पीछे का मकसद प्रसिद्धि और पैसा कमाना था. हमलावरों का संबंध पश्चिमी यूपी और दिल्ली के गोगी और सुंदर भाटी गिरोह जैसे आपराधिक गुटों से भी जोड़ा गया है. 


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