Atiq-Ashraf Murder Case: माफिया ब्रदर्स अतीक-अशरफ की हत्या के बाद मौके से गिरफ्तार किए गए तीनों शूटरों पर आज भी आरोप तय नहीं हो सके. तीनों शूटर्स की जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी कराई गई थी. प्रयागराज की सेशन कोर्ट आज आरोपियों के खिलाफ चार्ज फ्रेम करने वाली थी. लेकिन तीनों शूटर्स पर आज भी चार्ज फ्रेम नहीं हो सका. पिछली पेशी में तीनों शूटरों ने आरोप तय करने के लिए कोर्ट से मोहलत की मांग की थी. 10 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई में कोर्ट ने आरोप तय करने के लिए आज तक की मोहलत दी थी. अब हत्यारोपियों लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य को वकील मिल गया है.
अतीक अहमद-अशरफ के शूटरों को मिला वकील
इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील गौरव सिंह शूटर्स की ओर से पैरवी करेंगे. जिला जज की अदालत में 24 अगस्त को चार्ज फ्रेम होंगे. एसआईटी की चार्जशीट के आधार पर आरोप तय होना है. शूटर्स लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य के खिलाफ 13 जुलाई को चार्जशीट दाखिल हुई थी. तीनों शूटर्स अभी प्रतापगढ़ की जिला जेल में बंद हैं. 15 अप्रैल को माफिया से नेता बने अतीक अहमद और अशरफ मौत के घाट उतार दिया गया था. शूटर लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
पिछली सुनवाई में आज तक की मिली थी मोहलत
हत्याकांड को अंजाम देने के बाद शूटरों ने सरेंडर कर दिया था. पुलिस कस्टडी में अतीक-अशरफ की हत्या से यूपी की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हुए थे. काल्विन अस्पताल ले जाते समय पत्रकार की भेष में आए हमलवारों ने अतीक-अशरफ पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी. एसआईटी की तरफ से दाखिल आरोपपत्र में हमलावरों को 'आक्रामक' बताया गया है. पुलिस हिरासत में सनसनीखेज वारदात के पीछे का मकसद प्रसिद्धि और पैसा कमाना बताया गया है. हमलावरों का संबंध पश्चिमी यूपी और दिल्ली के गोगी और सुंदर भाटी गिरोह जैसे आपराधिक गुटों से भी जोड़ा गया है.