Atiq Ahmed: खून-खराबे से भरी है अतीक अहमद की क्राइम कुंडली, भाई अशरफ भी कम नहीं, इतने मुकदमे हैं दर्ज
Atiq Ahmed shot dead: अपराध की दुनिया में अतीक के नाम की तूती बोलती थी. पुलिस के मुताबिक उसके ऊपर 102 मुकदमें दर्ज थे, जबकि उसके भाई अशरफ के खिलाफ 54 केस दर्ज थे.
Atiq Ahmed And Ashraf Shot Dead: माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसके भाई अशरफ (Ashraf) की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई. शनिवार की रात जब पुलिस (Police) दोनों को रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल लाई थी, तभी तमाम पुलिसकर्मियों और मीडिया के कैमरों के सामने तीन हमलावरों ने गोली मारकर दोनों भाईयों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. प्रयागराज (Prayagraj) में कभी उनके नाम से लोग थर-थर कांपते थे, खौफ ऐसा कि उन दोनों की मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिल सकता था, लेकिन वक्त का चक्र देखिये कि उसी प्रयागराज में दोनों मिट्टी में मिल गए.
अपराध की दुनिया में अतीक के नाम की तूती बोलती थी. पुलिस के मुताबिक उसके ऊपर 102 मुकदमें दर्ज थे, जबकि उसके भाई अशरफ के खिलाफ 54 केस दर्ज थे. अतीक की इस काली दुनिया से उसका परिवार भी अछूता नहीं रहा. अतीक के पांच बेटों में से दो बड़े बेटों पर भी केस दर्ज है और दोनों इस समय जेल में है, तीसरा बेटा असद एनकाउंटर में मारा गया जबकि पत्नी फरार है. अतीक के दो बेटे नाबालिग हैं जिनमें से एक दसवीं क्लास में हैं और दूसरा आठवीं क्लास में पढ़ता है. दोनों इस समय बाल सुधार गृह में हैं.
17 साल की उम्र में किया गुनाह
अतीक अहमद के गुनाहों की लिस्ट जितनी लंबी है, उतनी ही बड़ी उसके भाई अशरफ की क्राइम कुंडली भी है. अतीक पर 102 तो अशरफ पर 54 केस दर्ज हैं. अतीक ने 43 साल पहले 1979 में हत्या के मुकदमे के साथ क्राइम की दुनिया में कदम रखा. जब उसकी उम्र सिर्फ 17 साल थी. इसके बाद उसके खिलाफ हत्या, डकैती, अवैध वसूली, अपहरण, जानलेवा हमला, गैंगस्टर, गुंडा एक्ट जैसे गंभीर अपराधिक मुकदमों की संख्या बढ़ती चली गई. हालांकि हत्या, एससी एसटी एक्ट, बलवा, अवैध वसूली, गैंगस्टर एक्ट समेत गंभीर धाराओं में दर्ज मुकदमे वर्ष 2001, 2003 और 2004 में सरकार ने वापस ले लिए. इसके अलावा 14 मामलों में गवाहों के मुकरने या साक्ष्य नहीं मिलने के चलते अतीक अहमद को दोषमुक्त कर दिया गया.
पुलिस की कृपा पर पनपा गुनाहों का साम्राज्य
अतीक के गुनाहों को संरक्षण देने में पुलिस की भी खूब कृपा बरसी. 6 मुकदमों में पुलिस ने जांच के बाद फाइनल क्लोजिंग रिपोर्ट लगा दी. वहीं, एक मामले में पुलिस ने अतीक की नामजदगी को गलत बता दिया. सीबीसीआईडी ने भी एक मामले की जांच में वर्ष 1986 में फाइनल रिपोर्ट लगा दी. 1992 के आर्म्स एक्ट के एक मामले में समय सीमा खत्म हो जाने के बाद भी पुलिस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाई, जिससे उसके खिलाफ मामला अपने आप ही खत्म हो गया.
योगी सरकार के आने के बाद अतीक अहमद पर शिकंजा कसना शुरू हो गया. अतीक और उसके गैंग की 1168 करोड़ की संपत्तियों पर कार्रवाई की जा चुकी है. गैंगस्टर एक्ट के तहत करीब 417 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई हैं. वहीं, 751.52 करोड़ की संपत्तियों को उसके अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया है. यही नहीं ये पहली बार था जब उमेश पाल अपहरण मामले में कोर्ट ने उसे उम्रैकद की सजा सुनाई थी, जबकि उमेश पाल हत्याकांड में उसे रिमांड पर लिया गया था.
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