Atiq Ashraf Murder Case: माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसके भाई अशरफ (Ashraf) की हत्या मामले में जैसे-जैसे पुलिस की जांच आगे बढ़ रही है, कई बड़े खुलासे हो रहे हैं. पुलिस की जांच में पता चला है कि तीनों हत्यारों ने पहले भी अतीक और अशरफ की हत्या की कोशिश की थी, ये तीनों आरोपी 13 अप्रैल को ही प्रयागराज जिला कचहरी में ही वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे, जब दोनों भाईयों को कोर्ट में पेश किया गया था. इस दौरान कई लोगों ने तीनों को कोर्ट के आसपास देखा था. 


खबर के मुताबिक अतीक-अशरफ की हत्या के आरोपी लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य 13 अप्रैल को प्रयागराज की जिला कचहरी भी पहुंचे थे. 13 अप्रैल को ही उमेश पाल हत्याकांड में अतीक और अशरफ की पेशी हुई थी और इसी दिन अतीक के बेटे असद का एनकाउंटर भी हुआ था. सूत्रों के मुताबिक कोर्ट में पेशी के बाद अरुण मौर्य ने कोर्ट के पास बनी पान की गुमटी से एक सुरती भी खरीदी थी. उसने गुमटी वाले को दस रुपये का नोट दिया था, लेकिन वो पांच रुपये वापस लिए बिना ही आगे बढ़ गया. 


सुरक्षा इंतजाम देख बदला प्लान


पान वाले ने बताया है कि जब उसने पैसे देने के लिए उसे आवाज लगाई तो वो गुमटी वाले के आवाज लगाने से काफी झल्ला गया था. इस दौरान कई लोगों ने इन शूटरों को वहां पर भी देखा था. अरुण मौर्य काफी परेशान और बैचेन नजर आ रहा था. अतीक की पेशी के दौरान कचहरी को छावनी में तब्दील किया गया था और वहां पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था को देखकर तीनों शूटरों ने वहां वारदात को अंजाम देने का इरादा बदल दिया था. 


प्रयागराज कोर्ट में अतीक को मारने का प्लान फेल होने के बाद तीनों शूटरों ने रेलवे स्टेशन के पास ही रुकने के लिए एक कमरा लिया. पुलिस को ये भी जानकारी मिली है कि तीनों शूटर तीन दिन तक प्रयागराज में ही रुके हुए थे. इसके बाद 15 अप्रैल की रात जब अतीक और अशरफ को मेडिकल चेकअप के लिए लाया गया तो तीनों वहां मीडियाकर्मी बनकर पहुंचे थे और मौका देखते हुए ताबड़तोड़ फायरिंग कर दोनों की हत्या कर दी. 


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