Atiq Ahmed Murder: अतीक अहमद मर्डर केस के आरोपियों की हुई पेशी, आज भी नहीं तय हो सके आरोप
Atiq Ahmed Murder Case: माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ बीते साल प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. दोनों पुलिस हिरासत में थे और उन्हें पेशी के लिए लाया गया था.

Atiq Ahmed Murder Case Update: माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के आरोपियों की सोमवार को प्रयागराज जिला कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई. मौके से पकड़े गए इन शूटर्स पर आज भी आरोप तय नहीं हो सके. डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज संतोष राय की अदालत में हत्यारोपियों की पेशी कराई गई थी. शूटर्स लवलेश तिवारी, अरुण मौर्य और सनी सिंह पर आज भी आरोप तय नहीं हो सके.
अब 24 जनवरी को मामले की अगली सुनवाई होगी. कोर्ट ने अभियुक्त सनी सिंह को वकील न मिलने पर एमिकस क्यूरी दिया है. एमिकस क्यूरी रत्नेश कुमार शुक्ला ही कोर्ट में सनी सिंह की ओर से पैरवी करेंगे. जबकि अभियुक्त लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य की ओर से अधिवक्ता गौरव सिंह पैरवी करेंगे. शूटर्स के खिलाफ एसआईटी की चार्जशीट के आधार पर आरोप तय होने हैं. शूटर्स लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य के खिलाफ 13 जुलाई को चार्जशीट दाखिल की गई थी.
चित्रकूट जेल में शिफ्ट किए गए आरोपी
सीजेएम दिनेश गौतम ने चार्जशीट का संज्ञान लेकर मुकदमे को परीक्षण के लिए सेशन जज के पास भेज दिया था. शूटर्स के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 307, 120बी, 419, 420, 467, 468 व आर्म्स एक्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी. तीनों शूटर्स को 18 नवंबर को प्रतापगढ़ जिला जेल से चित्रकूट जेल में शिफ्ट किया गया था.
गोली मारकर की थी हत्या
बता दें कि, 15 अप्रैल 2023 को माफिया अतीक अहमद और अशरफ की गोली मारकर हत्या की गई थी. शूटर लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य ने दोनों भाइयों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. मौके से ही पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया था.
अतीक अहमद के बेटे के सहयोगी की अग्रिम जमानत खारिज
इसके अलावा अतीक अहमद के बेटे अली अहमद के सहयोगी की अग्रिम जमानत खारिज कर दी गई है. जिला जज कोर्ट ने फैजान अहमद की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज की है. फैजान के खिलाफ करेली थाने में धारा 147,341,307, 386, 506 आईपीसी के तहत केस दर्ज है.
फैजान के खिलाफ कुल तीन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. अग्रिम जमानत अर्जी का डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरि ने विरोध किया. जिला संतोष राय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी.
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