Atiq Ahmed की पहली बरसी, आज के दिन मिट्टी में मिला था माफिया, योगी सरकार का अगला टारगेट- गैंग का खात्मा
Atiq Ahmed News: अतीक अहमद की हत्या को आज एक साल पूरा हो गया है. आज ही के दिन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में मेडिकल चेकअप के लिए लाते समय हत्या कर दी गई थी.

Atiq Ahmed News: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या को आज एक साल पूरा हो गया है. माफिया ब्रदर्स भले ही मौत के घाट उतारे जा चुके हों, लेकिन यूपी की योगी सरकार का मिशन अभी खत्म नहीं हुआ है. सरकार अतीक के गैंग पर पूरी तरह शिकंजा कसकर प्रयागराज में भय व आतंक का खात्मा करते हुए सौ फीसदी कानून का राज कायम करने में जुटी है.
माफिया भले ही मिट्टी में मिल चुका हो. लेकिन, उसकी गुनाहों की दुनिया के तमाम काले कारनामे अब भी सामने आ रहे हैं. पिछले पैंतीस सालों में ये पहला चुनाव होगा, जिसमें अतीक अहमद और उसके परिवार का कोई दखल नहीं होगा. साल भर बाद भी फरार पत्नी शाइस्ता परवीन को पुलिस नहीं पकड़ पाई है.
साल भर बाद भी अतीक और अशरफ की हत्या की गुत्थी पूरी तरह नहीं सुलझ सकी है. अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि मौके से गिरफ्तार किए गए तीनों शूटरों ने माफिया ब्रदर्स का कत्ल क्यों किया था. क्या वारदात में सिर्फ वही तीन शूटर्स थे, जो मौका ए वारदात से पकड़े गए थे या फिर वह मोहरे की तरह इस्तेमाल हुए थे और पर्दे के पीछे से काम करने वाला उनका कोई आका भी था. तीनों शूटर्स को विदेशी हथियार कहां से मिले थे. एसआईटी ने पिछले साल ही चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी. लेकिन, अदालत में अभी तक केस का ट्रायल शुरू नहीं हो सका है.
अतीक की हत्या को एक साल पूरा
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की हत्या पिछले साल आज ही के दिन यानी 15 अप्रैल की रात को प्रयागराज के काल्विन हॉस्पिटल में पुलिस कस्टडी में की गई थी. पुलिस ने अतीक व अशरफ को प्रयागराज के चर्चित उमेश पाल शूट आउट केस में कोर्ट के आदेश पर अपनी कस्टडी में लिया हुआ था. माफिया ब्रदर्स को मेडिकल जांच के लिए कॉल्विन हॉस्पिटल लाया गया था. हत्या में मौके से ही तीन शूटर पकड़े गए थे. इनके नाम लवलेश तिवारी, अरुण मौर्य और सनी सिंह थे.
मौके से पकड़े गए तीनों शूटरों ने दावा किया था कि उन्होंने अपराध की दुनिया में नाम कमाने के लिए ही माफिया ब्रदर्स का कत्ल किया है. उन्होंने दावा किया गया कि विदेशी पिस्टल उन्हें दिल्ली में मौत के घाट उतारे गए गैंगस्टर जितेंद्र गोगी गैंग से मिली थी. प्रयागराज पुलिस कमिश्नर ने अतीक व अशरफ की हत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था. इसके अलावा यूपी सरकार ने भी एक एसआईटी गठित की थी और साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस डीबी भोंसले की अगुवाई में पांच सदस्यीय न्यायिक आयोग का भी गठन किया था.
हत्या के तीनों आरोपी जेल में
अतीक अहमद के कत्ल के बाद यूपी की योगी सरकार उसके गिरोह पर लगातार शिकंजा कस रही है. गिरोह के एक्टिव मेम्बर्स या तो जेल में हैं या बेल पर हैं या फिर फरार चल रहे हैं. गैंगस्टर एक्ट में तमाम बेनामी सम्पत्तियां जब्त की गईं हैं. गैंग से जुड़े लोगों के असलहों के लाइसेंस निरस्त किये गए हैं. प्रयागराज पुलिस माफिया के गिरोह का पूरी तरह सफाया कर यहां भय व आतंक के खात्मा करने में जुटी हुई है. गिरोह के एक्टिव मेम्बर्स के साथ ही मददगारों और फाइनेंसर्स की भी लिस्ट बनाकर कार्रवाई की जा रही हैं. पुलिस को अब भी तमाम चौंकाने वाली जानकारियां मिल रही हैं.
पत्नी समेत ये आरोपी फरार
माफिया ब्रदर्स के कत्ल के साल भर बाद भी उनकी फरार पत्नियों और बहन की गिरफ्तारी नहीं हो सकी हैं. अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन पर अभी पचास और अशरफ की पत्नी ज़ैनब फातिमा पर पचीस हजार का इनाम घोषित है. अतीक और अशरफ की बहन मेरठ की रहने वाली आयशा नूरी पर पचीस हजार का इनाम है. बाल संरक्षण गृह में कई महीने तक रखे गए अतीक के चौथे नंबर के बेटे एहजम और पांचवें नंबर के बेटे आबान अब अपनी बुआ के यहां रह रहे हैं. देश में इन दिनों लोकसभा के चुनाव चल रहे हैं, लेकिन इस चुनाव में न तो बाहुबली अतीक के परिवार का कोई दखल है और न ही उनका टेरर कहीं नजर आ रहा है.
प्रयागराज के चर्चित उमेश पाल शूट आउट केस के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के फ्लोर पर माफिया को मिट्टी में मिलाने की बात कही थी. वारदात के करीब पचास दिन बाद ही अतीक और उसका भाई मिट्टी में मिल गए. उसका तीसरे नंबर का बेटा असद पुलिस इनकाउंटर में मारा गया. अतीक और उसके गिरोह के खात्मे को कानून व्यवस्था से जोड़कर योगी सरकार इसे जहां अपनी उपलब्धि के तौर पर गिनाती है, वहीं भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव में अतीक के बहाने माफिया राज व गुंडाराज के खात्मे को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाए हुए हैं. उसे इस मुद्दे का फायदा भी मिल रहा है.
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