Atiq Ahmed News: संगम नगरी प्रयागराज में विकास प्राधिकरण की बड़ी लापरवाही सामने आई है. विकास प्राधिकरण ने साल भर पहले मौत के घाट उतारे जा चुके माफिया अतीक अहमद के नाम अब एक नोटिस जारी किया है. माफिया की मौत के साल भर बाद उसके नाम पर नोटिस किए जाने का यह मामला सोशल मीडिया पर चर्चा का सबब बना हुआ है.
बहरहाल मामले के तूल पकड़ने के बाद प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने अब इस मामले में जांच बिठा दी है. विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने नोटिस जारी करने वाले कर्मचारी से जवाब तलब कर लिया है. अतीक अहमद के नाम से नोटिस जारी करने वाले कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. कर्मचारी से यह बताने को कहा गया है कि आखिरकार उसने अतीक अहमद के नाम पर नोटिस कैसे जारी किया.
अवैध निर्माण किए जाने के मामले में नोटिस जारी किया गया
गौरतलब है कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने माफिया अतीक अहमद के नाम पर अवैध निर्माण का नोटिस जारी किया है. प्राधिकरण के जोनल अधिकारी की तरफ़ से माफिया अतीक अहमद को यह नोटिस 6 अप्रैल को जारी किया गया है. अतीक की मौत के साल भर बाद उसके नाम पर नोटिस जारी किए जाने का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया. माफिया अतीक को इलाहाबाद हाईकोर्ट के पास स्थित जमीन पर अवैध निर्माण किए जाने के मामले में नोटिस जारी किया गया था.
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इलाहाबाद हाईकोर्ट के नजदीक सिविल लाइंस के पॉश इलाके में 570 वर्ग मीटर जमीन पर माफिया अतीक अहमद ने सांसद रहते हुए कब्जा किया था. अतीक अहमद ने अपने बाहुबल के आधार पर 2006 में डीएम से जमीन को फ्री होल्ड करा कर अपने नाम करा लिया था. अतीक अहमद ने इस पर निर्माण के लिए पीडीए से नक्शा भी स्वीकृत करा लिया था. लेकिन वांछित शुल्क यानी ओपन एरिया पेनाल्टी जमा नहीं किया गया था. प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने ओपन एरिया पेनाल्टी ना जमा करने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट से स्टे ले लिया था.
हालांकि माफिया अतीक अहमद ने भी इस मामले में हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. हाईकोर्ट ने वर्ष 2017 में अतीक अहमद की याचिका खारिज कर दी थी.
इसके बाद प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने पूर्व में स्वीकृत मानचित्र भी निरस्त कर दिया था. ऑपरेशन माफिया के तहत पुलिस और प्रशासन ने गैंगस्टर एक्ट में इस प्रॉपर्टी को चिन्हित किया था. इसके बाद पीडीए ने वैधानिक प्रक्रिया पूरा करते हुए 12 सितंबर 2020 को अर्ध निर्मित बिल्डिंग पर बुलडोजर चलाया था. बुलडोजर एक्शन के बाद इस प्रॉपर्टी को प्रशासन ने कुर्क कर लिया था. इसके बावजूद प्रशासन द्वारा कुर्क इस बेशकीमती जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया गया है. यहां कुछ अवैध निर्माण भी करा लिया गया है.