Atiq Ahmed Shot Dead: 'सारा हिंदुस्तान जानता है हत्या कैसे हुई', अतीक-अशरफ हत्याकांड पर सपा सांसद बर्क का पलटवार
Atiq Ahmed Shot Dead News: माफिया व समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद अतीक अहमद (60) और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल की रात को प्रयागराज में तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
Atiq Ahmad Killed: समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने प्रयागराज में पुलिस हिरासत में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या पर उत्तर प्रदेश सरकार के एक मंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए रविवार को कहा कि यह हत्या बिना उनकी (सरकार) मंशा के नहीं हुई और पर्दा डालने के लिए विपक्ष पर उल्टा आरोप लगा रहे हैं.
संभल लोकसभा क्षेत्र से सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, ''अरे भाई, इससे ज्यादा केस क्लियर क्या होगा, सारी दुनिया जानती है, सारा हिंदुस्तान जानता है, खुद यह लोग भी जानते हैं, सारा विपक्ष भी जानता है, हत्या कैसे हुई, किसने कराई, न्यायिक हिरासत में थे दोनों, इनकी जिम्मेदारी थी, बगैर इनकी मंशा के थोड़े ही ना हुआ है, यह तो इस पर पर्दा डालने के लिए उल्टा इल्जाम विपक्ष पर डाल रहे हैं.''
संभल के चंदौसी में नगर पालिका परिषद के चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में शामिल होने शुक्रवार को पहुंचे मंत्री धर्मपाल सिंह ने पत्रकारों के अतीक अहमद की हत्या के सवाल पर कहा था कि 'सच तो यह है कि अतीक की हत्या कराने का काम विपक्ष का ही है, कुछ गंभीर राज खुलने वाले थे इसलिए विपक्ष ने उनकी हत्या कराई.'
शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा, ''विपक्ष की कोई लड़ाई अतीक अहमद से नहीं थी, उनकी (सरकार) हिरासत में था, अदालत उसको चाहे फांसी लगवाती, कुछ भी करती हमें कोई एतराज़ नहीं था, लेकिन इस वक्त जो मारा गया गया, बिना इनके इशारे के नहीं मारा गया.'' बर्क ने यह भी कहा कि ''वो विपक्ष पर इस किस्म की जो छींटाकसी कर रहे है, वह गलत है इसे कोई स्वीकार नहीं करेगा, सच्चाई अपनी जगह पर है.''
गौरतलब है कि गैंगस्टर से नेता बने माफिया व समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद अतीक अहमद (60) और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल की रात को प्रयागराज में तीन हमलावरों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी जब पुलिस दोनों का चिकित्सीय परीक्षण कराने के लिए एक मेडिकल कॉलेज लेकर जा रही थी. तीनों हमलावर भी मीडियाकर्मी बनकर आये थे और घटना के बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया था. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है.