Umesh Pal Murder Case: अतीक अहमद के दोनों छोटे बेटों से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है, अतीक अहमद के छोटे बेटे अहजम और आबान बाल संरक्षण गृह से रिहा किए गए हैं. अतीक के चौथे नंबर के बेटे अहजम और पांचवें व सबसे छोटे बेटे आबान को बल संरक्षण गृह से रिहा किया गया. इन दोनों की कस्टडी बुआ परवीन को सौंपी गई है. परवीन अतीक अहमद की बहन हैं. अतीक के ये दोनों बेटे 4 मार्च से प्रयागराज के राजरूपपुर स्थित बाल संरक्षण गृह में थे. सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद हुई अतीक के दोनों बेटों की रिहाई हुई है, बुआ परवीन अहजम और आबान को अपने साथ लेकर गई हैं.
चाइल्ड वेलफेयर कमेटी यानी CWC ने दोनों बेटों की रिहाई का आदेश जारी कर उन्हें बुआ परवीन को सौंपा है. 5 अक्टूबर को ही अहजम ने 18 साल की उम्र पूरी की है और वह बालिग हुआ है. रिहाई के वक्त बाल संरक्षण गृह में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. इस दौरान असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर वरुण कुमार भी मौजूद थे. अतीक अहमद की बहन परवीन ने दोनों बच्चों को अपनी कस्टडी में दिए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी.
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी गठित कर बच्चों का बयान दर्ज कराया था. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को उचित फैसला लेकर 10 अक्टूबर को रिपोर्ट सपने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई कल 10 अक्टूबर (मंगलवार) को होनी है, सुनवाई से पहले ही बाल संरक्षण गृह से रिहा किए गए अतीक अहमद के बेटे अहजम और आबान को रिहा कर दिया है.
मीडिया से दूर रखे गए बच्चे
रिहाई के वक्त बच्चों को मीडिया से दूर रखा गया और उन्हें कोई बात नहीं करने दिया गया. इससे पहले प्रयागराज पुलिस ने जिले की सीजेएम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि बच्चों के पिता की हत्या हो चुकी है, दोनों बड़े भाई जेल में हैं और मां शाइस्ता परवीन लगातार फरार चल रही हैं. इसके बाद अतीक अहमद की बहन परवीन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. प्रयागराज पुलिस ने 4 मार्च को दोनों बेटों को उनके घर के पास से लावारिस हालत में बरामद किया था. घर में कोई जिम्मेदार सदस्य ना होने और बच्चों के नाबालिग होने की वजह से उन्हें बाल संरक्षण गृह में दाखिल कर दिया गया था.
7 महीने बाद बाल संरक्षण गृह से रिहा हुए बच्चे
हालांकि उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की हत्या की जांच कर रही प्रयागराज पुलिस की जांच में यह तथ्य सामने आया था कि चौथे नंबर के बेटे अहजम ने वारदात में इस्तेमाल किए गए सभी आईफोन को एक्टिवेट कर उसमें कोडिंग की थी. हालांकि पुलिस द्वारा अभी तक अहजम को आरोपी बनाए जाने की कोई जानकारी नहीं है, तकरीबन 7 महीने बाद बाल संरक्षण गृह से अहजम और आबान रिहा हुए हैं.