Mukhtar Ansari Death News: उत्तर प्रदेश में बीते एक साल के भीतर तीन माफियाओं की मौत ने जरायम की दुनिया को हिला कर रख दिया. अप्रैल 2023 में माफिय अतीक और उसके भाई गैंगस्टर अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या कर दी गई थी. वहीं मार्च 2024 में बांदा जेल में बंद माफिया और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ने के बाद मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई. 


अतीक, अशरफ और मुख्तार पर गंभीर आरोप थे. मुख्तार को तो बीते ही दिनों एक मामले में सजा भी सुनाई गई थी. शायद ही कोई ऐसा महीना बीतता हो जब यह खबर न आए कि मुख्तार या उसके परिवार की कोई संपत्ति जब्त की गई है. ऐसा नहीं है कि इनमाफियाओं के परिवार में सिर्फ इन्हीं लोगों पर आरोप लगे, बल्कि इनकी पत्नियां, इनके बेटों और खानदान के अन्य लोगों पर भी कई मामले दर्ज हैं. 


चाहे अतीक का बहनोई हो या मुख्तार का बेटा... सब किसी न किसी मामले में आरोपी हैं. इन सबके बीच सबसे बड़ी बात यह है कि मुख्तार, अतीक और अशरफ, इन तीनों की पत्नियां- क्रमशः अफशां, शाइस्ता परवीन और जैनब फरार हैं.


कहां हैं शाइस्ता और जैनब?
साल 2023 में उमेश पाल हत्याकांड के बाद से शाइस्ता और जैनब फरार हैं. बीते दिनों प्रयागराज के कसारी मसारी में दोनों के मौजूदगी के दावे के बीच छापेमारी और तलाशी की कार्रवाई की गई थी लेकिन शाइस्ता और जैनब पुलिस को नहीं मिले. 


बात करें शाइस्ता और जैनब पर आरोपों की तो इन दोनों पर उमेश पाल हत्याकांड में शामिल होने का आरोप है. शाइस्ता और जैनब को कोर्ट ने फरार घोषित कर दिया है. इसके अलावा शाइस्ता पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित है वहीं जैनब को भी इनामिया घोषित करने  के लिए पुलिस की प्रक्रिया जारी है.


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मुख्तार की पत्नी अफशां!
इसके अलावा मुख्तार की बीवी अफशां भी फरार है. बीते साल अफशां पर रखे गए इनाम की राशि बढ़ा दी गई थी. 2 साल से लापता अफशां का पता बताने वाले को 50 हजार रुपए इनाम में मिलेंगे. अफशां-शाइस्ता यूपी पुलिस की मोस्ट-वांटेड महिला अपराधियों की लिस्ट में टॉप-3 में हैं.


अफशां अंसारी पर फर्जी तरीके से जमीन कब्जा करने, समेत कई मामले दर्ज है. शाइस्ता और जैनब की तलाश भी 1 साल में पूरी नहीं हो पाई है. कई बार खबरें आईं कि कि प्रयागराज की किसी अदालत में कथित तौर पर शाइस्ता जैसी किसी महिला को देखा गया. अतीक और अशरफ की मौत के बाद शाइस्ता और जैनब की इद्दत पूरी होने के बाद भी कयास लगाए जा रहे थे कि दोनों या तो सरेंडर कर देंगी या पुलिस ने अपने गिरफ्त में लेगी लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है. सालों से इन तीनों का न मिल पाना पुलिस पर भी सवाल खड़े कर रही है. यूपी सरकार जिस यूपी पुलिस की पीठ थपथपाते नहीं थकती लेकिन वही पुलिस अभी तक इन तीन फरार आरोपियों को खोजने में नाकाम है.