माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या के बाद यूपी पुलिस और कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं. हत्या को लेकर यूपी पुलिस की नियत पर अतीक पहले ही सवाल उठा चुका था. अतीक की पत्नी शाइस्ता ने सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी भी दाखिल की थी, जिस पर सर्वोच्च अदालत ने हाईकोर्ट जाने के लिए कहा था.
सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के 18 दिन बाद अतीक और उसके भाई की हत्या इलाहाबाद हाईकोर्ट से 3 किलोमीटर की दूरी पर हो गई है. अतीक और अशरफ पुलिस की कस्टडी में हमलावरों ने गोली मारी है. दोनों भाई को एक ही हथकड़ी में बांधकर यूपी पुलिस मेडिकल चेकअप के लिए ले जा रही थी.
अतीक-अशरफ की हत्या कहां और कब हुई है?
अतीक और अशरफ से पूछताछ के बाद यूपी पुलिस दोनों को लेकर कॉन्विन हॉस्पिटल में मेडिकल चेकअप कराने पहुंची थी. हॉस्पिटल से इलाहाबाद हाईकोर्ट की दूरी करीब 3 किमी है, जबकि घटनास्थल से प्रयागराज एसएसपी का आवास मात्र 6 किमी दूर है.
हॉस्पिटल के बाहर पत्रकारों ने अतीक से सवाल पूछा, जिसका अतीक जवाब दे रहा था. इसी दौरान हमलावरों ने उस पर फायरिंग कर दी. हमलावरों को पुलिस पकड़ने की कोशिश की, लेकिन तब तक 9 राउंड की फायरिंग हो चुकी थी.
अतीक और अशरफ की हत्या के बाद प्रयागराज में हाई अलर्ट जारी किया गया है. प्रयागराज में धारा 144 भी लागू कर दी गई है. सपा, बीएसपी और कांग्रेस दफ्तर के बाहर भारी सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है.
पुलिस की चूक पर सवाल क्यों उठ रहा है?
- अतीक अहमद पर 100 से अधिक केस और अशरफ पर 52 आपराधिक मुकदमा दर्ज है. ऐसे में पुलिस दोनों को एक ही हथकड़ी में बांधकर रखी थी. हत्या के वीडियों में साफ देखा जा रहा है कि पहले अतीक को गोली मारी जाती है, जिसके बाद अशरफ भी जमीन पर गिरता है. इसके बाद हमलावर दोनों को गोलियों से भून देता है.
- अतीक अपनी सुरक्षा को लेकर बार-बार चिंता जाहिर कर रहा था. इसके बावजूद सावधानी नहीं बरती गई. अतीक पुलिसकर्मी के बीच रूककर मीडिया से बात कर रहा था. आमतौर पर अंडरट्रायल कैदियों को पुलिस मीडिया से बात नहीं करने देती है. त्वरित एक्शन लेते हुए यूपी सरकार ने 17 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट जाएं
28 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में अतीक अहमद की सुरक्षा पर सुनवाई हुई थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह इलाहाबाद हाईकोर्ट का मामला है, इसलिए वहां पर जाइए. इसी बीच अतीक की पत्नी के खिलाफ वारंट निकल गया और वे फरार हो गईं.
अतीक की पत्नी के फरार होने से हाईकोर्ट में यह मसला नहीं जा पाया. अतीक उमेश पाल अपहरण केस में सजायफ्ता थे. उन पर अभी 60 केस में ट्रायल चल रहा था. इनमें हत्या, हत्या के प्रयास और रंगदारी से जुड़ा केस था.
5 साल में पुलिस कस्टडी में 41 की मौत
उत्तर प्रदेश में पुलिस कस्टडी में 2017 से लेकर 2022 तक 41 लोगों की मौत हो चुकी है. लोकसभा में गृह मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 2017 में 10, 2018 में 12, 2019 में 3, 2020 में 8 और 2021 में 8 लोगों की पुलिस कस्टडी में मौत हुई है.
यूपी में पुलिस कस्टडी में मौत को लेकर सवाल उठ चुका है और कई बार सपा योगी सरकार को घेर चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने 1996 के एक आदेश में कहा था कि पुलिस कस्टडी में हत्या जघन्य अपराध है.
अतीक की हत्या के बाद यूपी पुलिस ने क्या-क्या एक्शन लिया है?
1. यूपी सरकार ने गृह सचिव और डीजीपी को तुरंत प्रयागराज जाने के लिए कहा है. हालात पर सरकार के टॉप अधिकारी नजर बनाए हुए हैं.
2. प्रयागराज की सभी सीमाएं सील कर दी गई है. जिले में इंटरनेट बंद कर दिया गया है. धारा 144 लागू करते हुए पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है.
3. यूपी पुलिस ने राज्य के सभी थाना प्रभारियों को तुरंत इलाके में जाने को कहा गया. यूपी में पुलिस वालों की छुट्टियां रद्द की गई हैं, जो छुट्टी पर हैं उन्हें वापस बुलाया गया है.