Atique-Ashraf Shootout Case: अतीक-अशरफ हत्याकांड के एक महीने पूरे, अभी तक नहीं मिले इन सवालों के जवाब
Atique-Ashraf Murder Case: यूपी के प्रयागराज में बीते 15 अप्रैल को उमेश पाल मर्डर केस में पुलिस कस्टडी रिमांड पर अतीक अहमद और अशरफ की मेडिकल कराने के लिए ले जाने के दौरान हत्या हुई थी.
UP News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (Prayagraj) में माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और अशरफ (Ashraf) शूटआउट केस के एक महीने पूरे हो चुके हैं. एक महीने बाद भी जांच एजेंसियां किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची हैं. अतीक अहमद और अशरफ की 15 अप्रैल 2023 को पुलिस कस्टडी में हत्या हुई थी. यूपी पुलिस (UP Police) की दो एसआईटी (SIT) और पांच सदस्यीय न्यायिक आयोग मामले की जांच कर रहा है. एसआईटी को अभी एफएसएल की जांच रिपोर्ट का इंतजार है.
उमेश पाल शूटआउट केस में पुलिस कस्टडी रिमांड पर माफिया अतीक अहमद और अशरफ लिए गए थे. मेडिकल कराने के लिए ले जाने के दौरान दोनों की हत्या हुई थी. रात 10:35 बजे काल्विन अस्पताल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हालांकि, मौके से ही तीन शूटर्स को पकड़ लिया गया था. तीनों शूटर लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या 25 मई तक, ज्यूडिशियल कस्टडी रिमांड पर प्रतापगढ़ जेल में बंद हैं.
तीनों शूटर्स से पूछताछ कर चुकी है पुलिस
पुलिस तीनों शूटर्स को चार दिन की कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ भी कर चुकी है, लेकिन इस शूटआउट के पीछे कौन है, जांच एजेंसियों के लिए अभी तक यह अबूझ पहेली बना हुआ है. पुलिस अभी तक न तो मामले का वर्कआउट कर सकी है और न ही वारदात का मोटिव तलाश पाई है. जांच एजेंसियों को अभी तमाम सवालों के जवाब तलाशने है. जांच एजेंसियों को यह पता करना है कि मौके से पकड़े गए तीनों शूटरों के दावे में कितनी सच्चाई है.
इन सवालों के जवाब मिलने बाकी
शूटरों के पीछे किसी और का हाथ तो नहीं था, किन लोगों ने शूटरों की मदद की थी, शूटरों का असली मकसद क्या था, उनके पास विदेशी जिगाना पिस्टल कहां से आई, पुलिस के मूवमेंट की सूचना कहां से मिली, कैमरा और माइक आईडी उन्हें कहां से मिले, वारदात को अंजाम देने के बाद शूटरों ने भागने की कोशिश क्यों नहीं की, शूटरों ने जय श्रीराम के नारे क्यों लगाए थे, पुलिस अतीक अहमद और अशरफ को एंबुलेंस के बजाय जीप से क्यों लाई थी, जीप को हॉस्पिटल के अंदर तक क्यों नहीं ले जाया गया? उम्मीद है कि दोनों एसआईटी की चार्जशीट और न्यायिक आयोग की रिपोर्ट में ही मामले का खुलासा हो सकता है.
बीजेपी ने विपक्ष पर बोला हमला
इस मामले में भी सियासत हो रही है. विपक्षी पार्टियां सवाल उठा रही हैं. दूसरी तरफ बीजेपी का कहना है कि विपक्षी पार्टियों को अपनी पोल खुलने की डर है. इस मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. बीजेपी के नेता डॉक्टर शैलेश पांडेय का कहना है कि वोट बैंक की लालच में लोग माफिया के मददगार बन रहे हैं.
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