मुरादाबाद में स्वास्थय विभाग की टीम पर हमले के मामले में सीएम योगी सख्त...डेढ़ दर्जन लोगों पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज
मुरादाबाद में स्वास्थय विभाग और पुलिस की टीम पर हमला करने वाले उपद्रवियों पर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सख्त रुख अपनाया है। इसके तहत रासुका की कार्रवाई की गयी है
मुरादाबाद, एबीपी गंगा। मुरादाबाद के नागफनी थाना इलाके के नवाबपुरा में स्वास्थय विभाग और पुलिस की टीम पर हमले के मामले में दर्जन भर लोगों को हिरासत में लिया गया है। इनमें महिलाएं और पुरुष दोनों हैं। पुलिस मुकदमा दर्ज कर बड़े पैमाने पर बुधवार रात में बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां करने के लिए तैयारी कर रही है। इसके लिए आरएएफ को भी बुला लिया गया है। आला अधिकारी आईजी और कमिश्नर नागफनी थाने पर खुद कैम्प किये हुए हैं। सीएम योगी ने रासुका के तहत मामला दर्ज का आदेश दिया है।
जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई शुरू करते हुये लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम, महामारी अधिनियम, क्रिमिनल अमेंडमेंट लॉ में एफआईआर दर्ज की गयी है। डॉक्टर, पैरामेडिकल और पुलिस पर पथराव करने वालों पर शिकंजा कसता जा रहा है। कोरोना योद्धाओं पर हमला करने वालों पर डेढ़ दर्जन गंभीर धाराओं में मामले दर्ज किये गये हैं।
इनमें IPC के तहत सेक्शन 147, 148, 149, 188, 269, 270, 332, 353, 307, 504, 427, 506, 34, 323, 324 के तहत केस दर्ज किया गया है। क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट की धारा 7, लोक संपत्ति क्षति अधिनियम की धारा 3, आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51, महामारी अधिनियम की धारा 3 के तहत भी केस दर्ज हुये हैं। दोषी पाये लोगों को उपद्रव से हुए नुकसान की भरपाई भी करनी होगी।
गौरतलब है कि मुरादाबाद के नागफनी थाना इलाके के नवाबपुरा में बुधवार को जहां स्वास्थ विभाग और पुलिस की टीम पर हमला हुआ वहां ये टीम सरताज अली नाम के व्यक्ति के परिवार को क्वारंटीन करने के लिए लेने गयी थी। क्योंकि 13 अप्रैल को 49 साल के सरताज अली की कोरेना से मौत हो गयी थी। बताया जा रहा है कि सरताज अली को जब सांस लेने में दिक्कत हुई तो वह खुद जाकर एक निजी मेडिकल कालेज टीएमयू में भर्ती हुआ था। जहां डॉक्टरो ने उसके लक्षण को देखते हुए उसका सैम्पल लेकर टेस्ट के लिए भेजा था। 13 अगस्त को उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई और 13 को ही उसकी मौत हो गयी थी। पुलिस को स्थानीय सूत्रों से जनकारी मिली थी की दिल्ली मरकज़ से एक जमात सरताज अली के घर के पास वाली मस्जिद में आकर रुकी थी और उसी जमात के लोगों के संपर्क में आने से सरताज अली को कोरोना हुआ। सरताज अली की मौत से लगभग 15 दिन पहले सरताज अली के भाई की भी मौत हुई थी।