एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर फायरिंग मामले में रोज नई जानकारियां सामने आ रही हैं. इस मामले में पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार किया है. एक नोएडा और दूसरा सहारनपुर का रहने वाला है. इस मामले में गिरफ्तार एक आरोप सचिन ने पुलिस पूछताछ में स्वीकार किया है कि उनकी योजना 28 जनवरी को गाजियाबाद की ओवैसी की रैली में उनकी हत्या करने की थी.
पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को क्या दी जानकारी
पुलिस पूछताछ में सचिन ने बताया है कि हापुड़ के टोलप्लाजा पर ओवैसी की गाड़ी पर फायरिंग के बाद उन्हें लगा कि असदुद्दीन ओवैसी की मौत हो गई है, इसलिए वो वहां से भाग गए. सचिन ने बताया कि ओवैसी की हत्या के लिए उन्होंने एआईएमआईएम के प्रत्याशी से दोस्ती की थी.
सचिन ने पुलिस पूछताछ में बताया है कि उन्होंने पहले मेरठ और फिर किठौर की रैली में ओवैसी की हत्या की कोशिश की थी. लेकिन भीड़ अधिक होने की वजह से वो अपनी योजना में सफल नहीं हो पाए. इसके बाद उन्होंने ओवैसी पर छिजारसी में गोली चलाई कि पता नहीं फिर कब मौका मिले.
बड़ा नेता बनना चाहता है एक आरोपी
सचिन ने कहा कि वो एक बड़ा नेता बनना चाहता था. उसने बताया कि ओवैसी ने पहली गोली चलाते हुए उसे देख लिया था, इसलिए वो कार में अंदर नीचे छिप गए, इसलिए हमलावरों ने कार के नीचे गोली चलाई. इससे उन्हें लगा कि ओवैसी मर गए. इसके बाद वो घटनास्थल से फरार हो गए.
एआईएमआई के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर गुरुवार को उस समय हमला हुआ था, जब वो हापुड़ से चुनाव प्रचार के बाद वापस आ रहे थे. उन पर एक टोलप्लाजा पर हमला हुआ था. इस हमले में वो बच गए थे. इस मामले में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और जांच-पड़ताल के बाद सचिन और शुभम को गिरफ्तार किया था. उत्तर प्रदेश पुलिस के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने बताया था कि गिरफ्तार किए गए हमलावर ओवैसी के एक धर्म विशेष को लेकर दिए गए भाषणों से नाराज थे.
इस हमले के बाद केंद्र सरकार ने असदु्दीन ओवैसी को जेड कैटेगरी की सुरक्षा व्यवस्था देने को कहा है, लेकिन ओवैसी ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. उन्होंने शुक्रवार को संसद में कहा कि सरकार उन्हें ए कैटेगरी की नागरिक बना दे. गृहमंत्री सोमवार को इस मामले पर संसद में बयान देंगे.