लखनऊः उत्तर प्रदेश में कुछ समय बाद पंचायत चुनाव होने वाले हैं. वहीं चुनाव से पहले ही कुछ प्रत्याशी चुनाव को प्रभावित करने के मंसूबों पर काम कर रहे हैं. इसके लिए प्रदेश के कुछ इलाकों में प्रत्याशी चुनाव से पहले ही गांव और इलाके में शराब और पैसे के दम पर लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं.
लाखों की अवैध शराब जब्त
उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरी पंचायत चुनाव में भले ही अभी वक्त है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में तमाम प्रत्याशी शराब और धन बल का इस्तेमाल कर चुनाव का रुख अपने पक्ष में मोड़ने के हथकंडे अपना रहे है. वोटरों को लुभाने के लिए जमकर शराब का इस्तेमाल अभी से शुरू हो गया है. मलिहाबाद पुलिस ने एसटीएफ और आबकारी टीम के साथ मिलकर लाखों की अवैध शराब का जखीरा बरामद कर इसका खुलासा किया है.
मलिहाबाद थाने में अवैध शराब के जखीरे को देख कर कोई भी अन्दाजा लगा लेगा की आखिर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में किस तरह तमाम प्रत्याशी शराब के बल पर चुनाव की राह आसान करने में लगे है. लाखों की कीमत की ये शराब पुलिस, एसटीएफ और आबकारी ने मिलकर बरामद की है.
पंचायत चुनाव को प्रभावित करने के लिए लाई गई थी शराब
इस शराब के जखीरे को सतेंद्र अग्निहोत्री, शिशुपाल सिंह और धीरेंद्र के घर यानि ससपन, काकोरी और मलिहाबाद से बरामद किया गया है. पुलिस ने उस स्कार्पियो को भी बरामद किया है, जिसके जरिये ये शराब लाई गई थी. हालांकि मामले में एक अन्य आरोपी प्रभाकरनाथ द्विवेदी फरार है. जिसके घर से सबसे अधिक शराब बरामद की गई.
ये शराब हिमांचल प्रदेश से तस्करी कर लखनऊ के ग्रामीण इलाकों के लिए लाई गई थी. जिसका इस्तेमाल आरोपी पंचायत चुनाव से पहले होली में करने वाले थे. इसी शराब के जरिये ये लोग तमाम ग्रामीण वोटरों को रिझाने के लिए उनमें बाटने वाले थे. लेकिन इससे पहले ही इन्हें इस शराब के साथ धर दबोचा गया. खुलासा हुआ है कि आरोपियों के घर से खुद इनके परिचित लोग पंचायत चुनाव में ताल ठोक रहे है. लिहाजा उन्हें जिताने के लिए इस शराब के साथ धन और बल का इस्तेमाल हो रहा था.
इसे भी पढ़ेंः
दिल्ली के 12 वित्तपोषित कॉलेजों के फंड में अनियमितताओं की जांच के लिए मनीष सिसोदिया ने गठित की कमेटी
स्कैनिया के भारतीय पार्टनर SVLL को लेकर कांग्रेस ने किया बड़ा दावा, पीएम मोदी से मांगा जवाब