UP News: औरैया जिले में बेसहारा हुई नवजात बच्ची को गोद लेना महिला होमगार्ड के लिए मुसीबत बन गया. आरोप है कि किशोर बाल बोर्ड विभाग नियमों का हवाला देकर महिला होमगार्ड के साथ उत्पीड़न कर रहा है और बच्ची को उससे छीनने की फिराक में लगा हुआ है. यहां के अस्पताल में 12 जून को एक मन्दबुद्धि महिला ने इस बच्ची को जन्म दिया था और फिर मौका देखकर भाग गई. इसकी सूचना डॉक्टरों ने पुलिस को दी. पुलिस की टीम में महिला होमगार्ड भी थी. उनकी कोई संतान नहीं थी. नवजात को देखकर उन्होंने उसे गोद लेने का फैसला किया.
अपने बच्चे की तरह पाल रही हैं पिंकी
दरअसल, बच्ची को गोद लेने के लिए होमगार्ड ने अस्पताल में कागजी कार्रवाई पूरी की थी लेकिन अब विभाग ने उन्हें बच्चा वापस लेकर आने का नोटिस जारी किया है. इस महिला होमगार्ड को बच्ची से दूर होने का डर सता रहा है. उनका कहना है कि भले उन्होंने उस बच्ची को जन्म नहीं दिया है लेकिन वह उसे अपने बच्चे की तरह पाल रही हैं लिहाजा उनसे यह बच्चा न छीना जाए. दिबियापुर की रहने वाली होमगार्ड पिंकी राजपूत के मुताबिक उन्होंने अस्पताल के डॉक्टर से लिखवाकर बच्ची को गोद लिया है.
विभाग ने महिला को भेजी नोटिस
बाल कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बच्ची की जानकारी मिलने के बाद पिंकी राजपूत को बुलाया गया. बच्ची का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाना है. उनका कहना है कि अभी गोद देने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है और जरूरत पड़ने पर बच्ची को बाल गृह भी भेजा जा सकता है. उन्होंने कहा कि होमगार्ड को नोटिस दिया गया है. उधर, जनपद के वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना है कि वह बच्ची को अधिकारिक रूप से गोद लेने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रही है. महिला ने दरियादिली दिखाते हुए अनाथ बच्ची को गोद लिया. नियमों के पालन के चक्कर में लोगों को अनाथ बच्चों को गोद लेने के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ेंगे.
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